बैली ब्रीदिंग बेहद आसान-सी एक्सरसाइज है, जिसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इससे न केवल ब्लड फ्लो को बेहतर कर बॉडी ऑर्गन्स की उम्र बढाई जा सकती है, बल्कि कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं से निजात पाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
क्या आपने अपनी ब्रीदिंग पर ध्यान दिया है? अगर ध्यान देंगे तो ज्यादातर लोग पाएंगे कि उनकी ब्रीदिंग काफी शॉर्ट होती है। ऐसा इसलिए होता है कि वे लोग अपने फेफड़ों में काफी कम हवा भरते हैं, जिससे उनकी बॉडी को भरपूर ऑक्सीजन हवा नहीं मिल पाती। कहने को तो ये बहुत छोटी बात है, लेकिन इसका आपकी बॉडी पर काफी गहरा असर पड़ता है और ये कई बीमारियों की वजह भी बन सकती है।
इसे ऐसे समझ सकते है कि ब्लड आपकी बॉडी का फ्यूल है और कम मात्रा में ऑक्सीजन मिलने के कारण उसका फ्लो कम हो जाता है और बॉडी ऑर्गन्स की उम्र घट जाती है। इसलिए आपकी बॉडी को सही मात्रा में ऑक्सीजन मिले और सभी ऑर्गन सही तरह से काम करें, इसके लिए बैली ब्रीदिंग आपकी मदद कर सकता है। तो जानिए कैसे करनी है ये बैली ब्रीदिंग-
अब इनहेल-एक्जेल में बैलेंस बनाने की करें कोशिश
अब अगले राउंड में इनहेल और एक्जेल में बैलेंस बनाने की कोशिश करेंगे। यानी अगर 5 गिनते हुए इनहेल किया है, तो 5 गिनते हुए ही एक्जेल करें।
इसे करने के लिए पहले की ही तरह अपना दायां हाथ उठाकर अपने नाभि पर और बायां हाथ अपने सीने पर रखें। इनहेल और एक्जेल के दौरान मन में गिनती करना है।
इनहेल और एक्जेल को गिनती के साथ ही बैलेंस करते हुए उतने सेट दोहराएं, जितने आपके लिए सुविधाजनक हो।
कैसे करें बैली ब्रीदिंग
बैली ब्रीदिंग करने के लिए सबसे पहले अपना दायां हाथ उठाकर अपने नाभि पर रखें, इसे मणिपुर चक्र भी कहा जाता है। फिर अपना बायां हाथ अपने सीने पर रखें, जिसे अनाहत चक्र कहा जाता है।
अब डीप ब्रीदिंग की प्रेक्टिस करें। जब सांस अंदर लें (इनहेल) तो अपनी नाभि को ज्यादा से ज्यादा बाहर निकालने की कोशिश करें। और जब सांस छोड़ें (एक्जेल) तो अपनी नाभि को ज्यादा से ज्यादा अंदर खींचने की कोशिश करें।
इस दौरान अपनी आंखें बंद और दिमाग को शांत रखना है। अब सांस अंदर लें और नाभि को बाहर निकालें। कुछ देर बाद सांस छोड़ते हुए नाभि को ज्यादा से ज्यादा अंदर खींचें।
इसे रिपीट करना है। साथ ही अपना ध्यान मणिपुर चक्र या नाभि पर केंद्रित करने की कोशिश करें।
शवासन के दौरान भी कर सकते बैली ब्रीदिंग
आप चाहें तो बैली ब्रीदिंग की प्रैक्टिस शवासन के दौरान भी कर सकते हैं। इसके लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं। उसके बाद ठीक पहले की तरह अपना दायां हाथ उठाकर अपने नाभि पर रखें। चाहें तो बाएं हाथ को अपने सीने पर रख सकते हैं। लेकिन अगर परेशानी हो रही हो तो हाथ को मैट पर ही रहने दें। अब पहले की ही तरह इनहेल और एक्जेल के सेट करना है।
बैली ब्रीदिंग करने के फायदे
बैली ब्रीदिंग करने के आपको ढ़ेर सारे फायदे मिलते हैं। ये बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही ब्लड के फ्लो को भी सही करता है। इसे करने से आपका डायजेशन भी बेहतर होता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। इतना ही नहीं, ये बहुत अच्छा स्ट्रेस बस्टर यानी तनाव को दूर करने वाला है। अगर आप ध्यान के साथ इसकी माइंडफुल प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो बैली ब्रीदिंग आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
कब करें बैली ब्रीदिंग
बैली ब्रीदिंग आप कभी भी कर सकते हैं। जब आप बहुत ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हों, आपको बेचैनी हो रही हो, नींद नहीं आ रही हो या आपको कब्ज की समस्या हो रही हो। अगर आप सुबह और शाम इसे अपने रुटीन में शामिल करते हैं, तो आप बहुत सारी बीमारियों से दूर रहेंगे।
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