समय पर पीरियड्स ना आना, हर समय थकान रहना, शरीर में भारीपन महसूस करना और तनाव रहना कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं, जो पीसीओएस या पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं में देखने को मिलते हैं। इन दिनों ऐक्ट्रेस सोनम कपूर सोशल मीडिया के जरिए और के बारे में खुलकर बात कर रही हैं। क्योंकि वे खुद पिछले लंबे समय से इस समस्या से गुजर रही हैं और अपने फैंस के साथ इस बीमारी से बचाव और डायट से जुड़े अपने अनुभव शेयर कर रही हैं। आइए, जानते हैं इस बीमारी से जल्द बाहर आने के लिए सोनम क्या टिप्स अपना रही हैं... सोनम फॉलो कर रही हैं ऐसा रुटीन -सोनम का कहना है कि पीसीओएस की समस्या से निपटने के लिए हमें हर दिन वॉकिंग करना जरूरी है। हर दिन करीब 10 हजार कदम जरूरी चलती हैं। -हर दिन एक्सर्साइज करनी चाहिए। एक्सर्साइज में भी सोनम योग करना पसंद करती हैं क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ, मजबूत बनाने के साथ ही मेंटल हेल्थ को भी सही रखते हैं। -सोनम का कहना है कि पीसीओएस की समस्या से गुजर रही महिलाओं को शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए। इनका कहना है कि ये शहद या नैचरल शुगर का भी सेवन नहीं करती हैं। बल्कि फ्रूट्स के जरिए अपने शरीर की शुगर डिमांड को पूरा करती हैं। सोनम ने जाहिर की इस बात की खुशी अपने पहले विडियो को सोनम ने 'स्टोरी टाइम विद सोनम चैप्टर 1: पीसीओएस' नाम दिया है तो अपने दूसरे विडियो को उन्होंने चैप्टर 2 कहते हुए इस बात का साफ संकेत दिया है कि वे अपनी इस बीमारी के बारे में आगे भी अपने फैंस के साथ अनुभव साझा करती रहेंगी। सोनम ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में यह भी लिखा है कि वे अपने पहले विडियो को मिले प्यार और रेस्पॉन्स से बहुत खुश हैं और इसीलिए अपना दूसरा विडियो शेयर कर रही हैं। सोनम का सैकेंड चैप्टर -अपने दूसरे विडियो में सोनम ने इस बात का जिक्र किया है कि पीसीओएस की समस्या का इलाज कराते हुए वे किस तरह की डायट का पालन कर रही हैं। फिलहाल उन्होंने नाश्ते की बात की है। सोनम का कहना है कि वे कोकोनट योगर्ट, बेरीज और पेलियो ग्रेनोला जैसी चीजों का सेवन नाश्ते में करती हैं। -सोनम का कहना है कि वे जहां भी होती हैं, वहां की स्थानीय संस्कृति और मौसम के हिसाब से लोकल फूड खाना ही पसंद करती हैं। क्योंकि हर जगह का फूड उस स्थान की जलवायु के हिसाब से होता है, जो सेहत का सबसे बड़ा राज है। इसलिए सोनम की इस बात का ध्यान रखते हुए आप भी लोकल फूड्स को अपनी पसंद का हिस्सा बन सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए -जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि पीसीओएस एक हॉर्मोनल डिसऑर्डर है। दुनिया की हर 10 में से एक महिला इस बीमारी की चपेट में जरूर आती है। इस लिहाज से आप समझ सकते हैं कि यह कितनी व्यापक समस्या है। -इस हॉर्मोनल समस्या के कारण पूरी तरह साफ नहीं है। लेकिन यह समस्या महिलाओं की ओवरी यानी बच्चेदानी में छोटी-छोटी गांठ बना देती है। -महिलाओं में बढ़ती डायबिटीज, सिर के अतिरिक्त शरीर के अन्य हिस्सों में बालों का अत्यधिक बढ़ना, एक्ने की समस्या और प्रेग्नेंसी ना हो पाने जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण पीसीओएस की समस्या है।
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