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Saturday, August 15, 2020

गुणों की खान है देसी तेल, कोरोना संक्रमण से बचाव में सहायक

हमारे देश के हिंदी भाषी क्षेत्रों में सरसों के तेल को देसी तेल के नाम से जाना जाता है। देसी तेल तासीर में गर्म होता है। साथ ही इसमें ऐसी कई खूबियां होती हैं, जो चोट के घाव भरने, त्वचा पर संक्रमण फैलने और कई अन्य तरह की बीमारियों से रक्षा करती हैं। यहां जानिए किस तरह कोरोना संक्रमण से बचाने में भी सरसों का तेल खासा उपयोगी है... सादा देसी तेल -सादा देसी तेल यानी सरसों का प्योर तेल जिसमें आपने किसी अन्य हर्ब को ना मिलाया हो। यदि आप नियमित रूप से रात को सोने से पहले इस तेल सेअपने पूरे शरीर की मसाज करते हैं तो आपकी त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। -खासतौर पर बरसात के समय में पैर के नाखून, पैर की उंगलियों के बीच या पैर की त्वचा पर पनपने वाले इंफेक्शन से बचाने में सरसों का तेल बहुत अधिक प्रभावी है। सरसों का तेल नाक में लगाना -रात को सोने से पहले यदि आप सरसों के तेल को नाक में लगाएंगे तो झुकान, खांसी, गले में दर्द, नाक का बहना, कान की खुजली इत्यादि सभी समस्याओं में आपको राहत मिलेगी। -यदि आपको इनमें से कोई समस्या नहीं है लेकिन आप फिर भी इस तेल को लगाकर सोने शुरू करते हैं तो आपको इस तरह की समस्याएं जीवन में कभी नहीं सता पाएंगी। -कोरोना संक्रमण के समय में सरसों का तेल नाक में लगाने से यह तेल नाक के जरिए कोरोना वायरस को आपके शरीर के अंदर प्रवेश नहीं करने देगा। क्योंकि इस तेल में मौजूद प्राकृतिक चिपचिपाहट का गुण वायरस को अपने ऊपर चिपका लेता है और अपनी गर्म तासीर के चलते वायरस को खत्म कर देता है। शरीर पर मालिश करना -सरसों के शुद्ध तेल में ऐंटिफंगल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिवायरल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। ये सभी तत्व हमारे शरीर को इन पेथोजेन्स यानी वायरस, बैक्टीरिया और फंगस से होनेवाले नुकसान से बचाती हैं। -नियमित रूप से शरीर पर सरसों के तेल की पूरे शरीर पर मालिश करने से अनचाहे दाने, फुंसी, खुजली, दाद या त्वचा के रुखेपन का सामना नहीं करना पड़ता है। -जो लोग नियमित रूप से सरसों के तेल की मालिश करते हैं, उनकी त्वचा पर मॉनसून के सीजन में हवा और नमी के कारण फैलनेवाले फंगस का असर नहीं होता है। इस कारण वे कई तरह के त्वचा संबंधी संक्रमण से बचे रहते हैं। होठों पर लगाना - यह जरूरी नहीं है कि सरसों का तेल होठों पर लगाना हर व्यक्ति की त्वचा को रास आए। कुछ लोगों को होठों पर इस तेल का उपयोग करने के बाद होंठ फटने की समस्या हो सकती है। ऐसे में परेशान ना हों। बल्कि इस तेल को नाभि में लगाना शूरू कर दें। इससे सर्दियों में भी आपको होंठ फटने की समस्या नहीं होगी। -हालांकि आज के समय में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए बाहर जाने से पहले और मास्क पहनने से पहले अपने होठों पर सरसों का तेल अवश्य लगाएं। ऐसा करने से होठों पर लगा यह तेल कोरोना संक्रमण के महीन से महीन पार्टिकल्स को रोकने के लिए फिल्टर का काम करेगा। आयुर्वेदाचार्य दे रहे हैं सलाह -आयुर्वेदाचार्य सरसों तेल के उपयोग की सलाह कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए दे हैं। लौंग, अजवाइन और लहसुन को सरसों तेल में पकाकर और छानकर तेल का रोज उपयोग किया जाए तो आपकी नाक और आपके मुंह के जरिए वायरस आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता है। -वहीं, कुछ आयुर्वेदाचार्य सरसों के तेल में पीपल का पत्ता पकाकर, उस तेल को छानकर प्रतिदिन नाक, होंठ और नाभि में लगाने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही रात को सोने से पहले इस तेल से पूरे शरीर की मालिश करने की सलाह दे रहे हैं। ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।


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