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Tuesday, August 18, 2020

डेंगू ने लगाई जबरदस्त छलांग, यहां जानिए इससे बचने का रामबाण तरीका

हर साल बरसात के मौसम में डेंगू का फैलना अब एक सामान्य बात बन चुकी है। मच्छरों के कारण फैलनेवाला यह बुखार कभी औसत होता है तो कभी औसत से कम या ज्यादा। लेकिन इस बार डेंगू के मामलों में उम्मीद के एकदम उलट जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। यहां जानें, इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में... उम्मीद थी डेंगू कम रहेगा-हर बार से अलग इस साल बरसात के सीजन में डेंगू के फैलने की उम्मीद कम की जा रही थी। क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते ज्यादातर लोग अपनी सेहत को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं। साफ-सफाई और हाइजीन के साथ ही ज्यादातर लोगों का फोकस हेल्दी डायट लेने पर है। ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। -लेकिन इस साल आए डेंगू के मामलों में जो उछाल दिखा है वो 10-20 प्रतिशत नहीं बल्कि पिछले साल की तुलना में पूरा 91 प्रतिशत ज्यादा है! जी हां, ये आंकड़े हैरान करनेवाले और डर पैदा करनेवाले हैं। लेकिन सच्चाई से मुंह मोड़कर इस समस्या से बचा तो नहीं जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप डेंगू के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं और अपने बचाव के लिए हर संभव प्रयास करें। कैसे बढ़े डेंगू के मामले? -हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, साल 2019 में अगस्त के महीने तक डेंगू के मात्र 11 मामले देखने को मिले थे। जबकि साल 2020 में अगस्त का अभी आधा महीना बाकी है और अब तक डेंगू के 21 मामले सामने आ चुके हैं। -यहां बताए गए केस केवल वही हैं जो दिल्ली में सामने आए हैं। एनसीआर और बाकी देश के आंकड़ों के बारे में अभी को पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। आपको बता दें कोरोना संक्रमण की तरह ही डेंगू फीवर भी आसानी से मरीज का पीछा नहीं छोड़ता है। यह बुखार ठीक होने के बाद भी करीब सालभर तक मरीज को परेशान करता है। -क्योंकि इस बुखार में इंसान का शरीर बहुत अधिक कमजोर हो जाता है। खासतौर पर हड्डियों का दर्द सालभर तक पीछा नहीं छड़ता है। बुखास के दौरान भी व्यक्ति शरीर की हड्डियों में हो रहे दर्द से कराहता रहता है। यही कारण है कि इस बुखार को 'हड्डीतोड़' बुखार भी कहा जाता है। इस बार दोहरा डर -इस साल डेंगू के संक्रमण से बचना सबसे अधिक जरूरी है। क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। यदि डेंगू के कारण किसी व्यक्ति का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है तो इस स्थिति में गलती से भी किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर वह व्यक्ति कोरोना से ग्रसित हो सकता है। -क्योंकि शरीर को डेंगू पहले ही कमजोर कर चुका है, इसलिए इस स्थिति में शरीर कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ नहीं पाएगा। ऐसे पेशंट्स के लिए कोरोना से जान जाने का जोखिम कहीं अधिक बढ़ जाएगा। इसलिए अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए डेंगू और कोरोना दोनों ही बीमारियों से बचने का भरसक प्रयास करें। डेंगू बुखार के लक्षण -शुरुआत में डेंगू का बुखास सामान्य फीवर की तरह की लगता है। इसके बाद बहुत तेज ठंड और कंपकपी के साथ बुखार अधिक बढ़ने लगता है। -सिर सहित पूरे शरीर में दर्द होता है। यह दर्द सामान्य दर्द से अधिक पीड़ा देनेवाला होता है। ऐसा महसूस होता है कि व्यक्ति की मांसपेशियां खिंच रही हैं और हड्डियां टूट रही हैं। शरीर के जोड़ो में दर्द होता है और आंखों के पिछले हिस्से में बहुत तेज दर्द लगातार बना रहता है। -रोगी को भूख नहीं लगती है। मुंह का स्वाद खराब रहता है और हर समय मितली जैसा अनुभव होता रहता है। गले में पीड़ा होती रहती है। इस कारण व्यक्ति कुछ खा नहीं पाता और शरीर में लगातार कमजोरी बढ़ने लगती है। इस बुखार में व्यक्ति के शरीर का प्लेटलेट्स काउंट बहुत अधिक कम हो जाता है। यदि समय पर इस बुखार का इलाज ना कराया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है। डेंगू से बचने के उपाय -जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया है कि डेंगू का रोग मच्छरों के कारण फैलता है। इसलिए बेहतर है कि आप अपने घर के आस-पास, बालकनी, छत, नालियों, गमलों, कूलर, फ्रिज के डिफ्रॉस्ट बॉक्स आदि में पानी जमा ना होने दें। -डेंगू का मच्छर ऐसे ही साफ पानी में पनपता है। साथ ही घर में रखी हुई पानी की टंकियों की बरसात के सीजन के अंदर ही कम से कम दो बार सफाई जरूर करा लें। इससे मच्छरों और उनके लार्वा को पनपने का अवसर नहीं मिलेगा। बारिश के कारण घर के गमलों और छत पर जमा हुए पानी को बारिश के बाद तुरंत साफ कर दें। -घर की छत पर रखे टायर्स, पुराने बाल्टी, मटके और खाली गमले इत्यादि में पानी जमा ना होने दें। छत का पानी निकालने वाले सभी पाइप्स को खुला रखें, उनकी सफाई कराएं ताकि गंदगी के कारण उन पाइप्स के अंदर पानी जमा ना हो। डेंगू का रामबाण इलाज -घर में गिलोय का अर्क लाकर रखें या गिलोय की बेल लगाएं और नियमित रूप से गिलोय का सेवन करें। डेंगू के इलाज और इसके बचाव दोनों के लिए ही गिलोय रामबाण इलाज है। यदि आपको गिलोय का अर्क पीने और पत्ते से जूस बनाने में समस्या है तो आप गिलोय की टैबलेट्स भी ले सकते हैं। -आपकी उम्र, स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य स्थितियों के आधार पर एक बार वैद्यजी से सलाह अवश्य लें कि आपको गिलोय की एक टैबलेट लेने से ही लाभ हो जाएगा या हर दिन दो टैबलेट लेनी हैं। साथ ही सप्ताह में हर दिन यह टैबलेट लेनी है या 2 से 5 दिन। -हम आपको यहां गिलोय के सेवन से जुड़ी महीन जानकारी इसलिए नहीं दे सकते हैं क्योंकि हमारे हर पाठक की उम्र और मेडिकल हिस्ट्री अलग-अलग होती है। ऐसे में किसी भी औषधि का सेवन कितनी मात्रा में किया जा सकता है,यह इन दोनों बातों के ऊपर ही निर्भर करता है। सामान्य व्यक्ति कितनी मात्रा में और किस तरह गिलोय का सेवन करे, । -डेंगू का बुखार अपने आपमें भी कई अलग-अलग श्रेणियों में बंटा हुआ होता है। इसलिए आपको जैसा भी बुखार हो, आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। आमतौर पर सामान्य डेंगू सप्ताहभर के अंदर ठीक हो जाता है। वहीं, डेंगू शॉक सिंड्रोम और हेमरेजिक फीवर जरा-सी लापरवाही बरतने पर जानलेवा साबित हो सकता है।


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