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Tuesday, August 18, 2020

ऐसे रोगियों की कोरोना जांच को मजबूर हैं डॉक्टर्स, ताकि बचा सकें मरीज की जान

इस समय हमारे देश में हर 24 घंटे में 50 से 60 हजार कोरोना संक्रमण के नए केस सामने आ रहे हैं। इस पर भी चेतावनी देते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी हमारे देश में कोरोना का पीक नहीं आया है। यानी यदि अभी भी हम सभी लोग अपनी तरफ से पूरा प्रयास करें तो कोरोना संक्रमण को भयानक रूप लेने से रोक सकते हैं। इस दिशा में हमारे डॉक्टर्स पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं... कर रहे हैं अतिरिक्त जांच -बरसात के मौसम में अलग-अलग तरह के फ्लू, डेंगू, मलेरिया, निमोनिया, चिकनगुनिया जैसे रोग फैलते ही हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते हालात कहीं अधिक गंभीर हैं। इस स्थिति में डॉक्टर्स के पास जो पेशंट्स मौसमू फ्लू के कारण पहुंच रहें हैं, डॉक्टर्स को उनका भी कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है। क्योंकि इन फ्लू और कोरोना के लक्षण इतने अधिक मिलते-जुलते हैं कि मरीज की प्रारंभिक जांच के दौरान इस बात का अंतर करना मुश्किल होता है कि व्यक्ति को मौसमी फ्लू है या कोरोना संक्रमण। इस कारण बढ़ी हुई है डॉक्टर्स की चिंता -हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति डेंगू के संक्रमण के चलते हॉस्पिटल में आया है। लेकिन अभी तक उसकी कोई जांच नहीं हुई है तो पहले तो हमें डेंगू कंफर्म करने के लिए उसकी जांच करनी होगी। साथ ही कोरोना वायरस की जांच भी करानी होगी। -क्योंकि डेंगू शरीर को पूरी तरह कमजोर कर देनेवाला बुखार है। उस पर यदि रोगी को कोरोना संक्रमण के कारण सांस लेने में भी दिक्कत होने लगे तो उसके जीवन के लिए खतरा हो सकता है। - क्योंकि डेंगू के साथ यदि कोरोना भी हुआ तो स्थिति और अधिक विकट हो सकती है। हम पेशंट की जान को किसी भी तरह के जोखिम में नहीं डाल सकते। इसलिए उसकी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए भी हमें कोरोना का अतिरिक्त टेस्ट करना पड़ रहा है। इस मौसम में फैल रही हैं ये बीमारियां - इस मौसम में गैस्ट्रोइंटाइटिस, हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस जैसे रोगों के मरीज सबसे अधिक आते हैं। क्योंकि बरसात के कारण वायुमंडल में नमी होती है और घटता-बढ़ता तापमान कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया को पनपने में सहायक होता है। -इस स्थिति में पनपनेवाली बीमारियों के कारण कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक बढ़ सकता है। क्योंकि कमजोर और कम रोग प्रतिरोधक क्षमतावाले शरीर में कोरोना के लिए अपना संक्रमण तेजी से फैलाना आसान होता है। इस कारण संक्रमण फैलने के साथ ही मृत्युदर में भी वृद्धि होगी। इस खतरे को टालने के लिए जरूरी है कि अपनी सेहत से जुड़े किसी भी पहलू को हल्के में ना लिया जाए। इन तरीकों से संभव है बचाव -मौसमी बीमारियों और कोरोना के टेस्ट की वजहों पर तो हम बात कर चुके है, अब बात करते हैं इन बीमारियों से बचने और अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के तरीकों पर। इस बारे में डॉक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि खासतौर पर बड़ी उम्र के लोगों को इस मौसम में पाचन प्रक्रिया मंद पड़ने की शिकायत रहती है। -इस कारण पाचन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि बाहर का भोजन बिल्कुल ना खाएं। स्ट्रीट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। इनमें भारी मात्रा में माइक्रोब्स के पनपने की संभावना रहती है। -बच्चे, बड़े और युवा सभी अपनी सेहत को बनाए रखने के लिए पूरी नींद लें और नियमित रूप से एक्सर्साइज करें। आपके सोने-जागने और भोजन करने का समय निश्चित रहता है तो इसका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अतिरिक्त लाभ मिलता है। -इस समय भोजन में फाइबर युक्त आहार को शामिल करें। साथ ही सेब, केला और नाशपाती जैसे फलों का सेवन करें। इससे आपको अपना पाचनतंत्र ठीक रखने और मोशन को स्मूद रखने में सहायता मिलेगी। डॉक्टर मनोज शर्मा, मेडिओर हॉस्पिटल (कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली) में बतौर सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन ऐंड इंचार्ज कार्यरत हैं। आप इनसे अपॉइंटमेंट लेने के लिए दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं-011-41222222


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