निपाह वायरस एक ऐसा वायरस है जो पशुओं से मनुष्य में आया है। इस वायरस के फैलने की शुरुआत मलेशिया से मानी जाती है। जहां एक संक्रमित सुअर से यह वायरस इंसानी शरीर में पहुंचा। माना जाता है कि निपाह वायरस (Nipah Virus) भी चमगादड़ों द्वारा ही फैला है। यह वायरस चमगादड़ से पहले सुअर में और फिर सुअर से इंसान के शरीर में पहुंचा। यहां जानें निपाह वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति के शरीर में किस तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं और इनका इलाज क्या है... निपाह वायरस से संक्रमण का कारण (Reasons Of Nipah Virus) -निपाह वायरस का संक्रमण कुछ खास स्थितियों में फैलता है। यदि आप किसी ऐसे फल को खा लें, जिसे चमगादड़ ने संक्रमित किया हो। -यदि आप किसी ऐसे सुअर का मीट खा लें, जो निपाह वायरस से संक्रमित रहा हो। या इस वायरस से संक्रमित सुअर आपके आस-पास हों। -निपाह वायरस का संक्रमण ह्यूमन-टु-ह्यूमन भी फैलता है। यानी निपाह वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के क्लोज कॉन्टेक्ट में आने के बाद एक स्वस्थ व्यक्ति भी इस संक्रमण से ग्रसित हो सकता है। (Symptoms Of Nipah Virus) -निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार रहता है और सिर में तेज दर्द की शिकायत होती है। -इस वायरस के संक्रमण के दौरान व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियों में तेज खिंचाव और दर्द की समस्या होती है। यह दर्द इतना अधिक होता है, जो लगातार बेचैनी बनाए रखता है। -निपाह वायरस का संक्रमण होने व्यक्ति को बार-बार उल्टी आना, मितली आना और हर समय मन खराब बने रहने की समस्या होती है। -इन सब लक्षणों के साथ ही सांस लेने में दिक्कत होना, सीने में जकड़न का अहसास होना भी इस वायरस का लक्षण है। -निपाह से संक्रमित व्यक्ति में गंभीर निमोनिया के लक्षण भी देखे जाते हैं। लक्षणों से ना हों कंफ्यूज -यहां बताए गए इन सभी लक्षणों को पढ़ने के बाद आपको लग सकता है कि ये सारे लक्षण तो कोरोना वायरस के रोगी में भी देखे जाते हैं। फिर निपाह और कोरोना में अंतर क्या है। -तो आपकी जिज्ञासा का समाधान यह है कि ये वायरस दोनों ही चमगादड़ से इंसान में फैले हैं। निपाह के लिए इंटरमीडिएट होस्ट का काम सुअर ने किया तो कोरोना के लिए इंटरमीडिएट होस्ट पैंगोलियन के होने की बात कही जा रही है। -दोनों ही वायरस को प्रथम दृष्टि में लक्षणों के आधार पर अलग-अलग पहचानने का काम केवल हेल्थ एक्सपर्ट्स ही कर सकते हैं। लेकिन कंफर्मेशन और डॉक्यूमेंटेशन के लिए डॉक्टर्स भी बिना जांच रिपोर्ट के कुछ डिक्लेयर नहीं करते हैं। -कोरोना संक्रमण की तरह ही निपाह, इबोला जैसे वायरस का इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है। हालांकि इस दिशा में वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। -इस वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने के लिए डॉक्टर्स इनके लक्षणों के दौरान बनने वाली स्थितियों के हिसाब से इलाज करते हैं। हालांकि इस वायरस से भी केवल वही लोग ठीक हो पाते हैं, जिनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है।
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