हर बड़े मीडिया चैनल और सोर्स के जरिए आपको एक प्राइवेट लैब से जुड़ी एक खबर पढ़ने और सुनने को मिल रही है कि भारत में हर चौथे व्यक्ति में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ ऐंटिबॉडीज (Antibodies) होने की प्रबल संभावना है। क्योंकि कई अलग-अलग शहरों में इस लैब द्वारा किए गए टेस्ट के आंकड़ों के आधार पर यह बात पता की गई है। लेकिन क्या वाकई यह खुश होनेवाली बात है... हर चौथे भारतीय में कोरोना ऐंटिबॉडीज -शुरुआती स्तर पर यह एक खुशी की बात है कि भारत का हर चौथा व्यक्ति कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़नेवाली ऐंटिबॉडीज का कैरियर है। लेकिन यह खुशी एक सीमा तक ही टिकी रह सकती है। क्योंकि पिछले दिनों आई रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर मामलों में शरीर के अंदर ऐंटिबॉडीज 28 से 40 दिन तक ही सर्वाइव करती हैं। -सीडीसी और डब्लूएचओ की तरफ से जारी की गई अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के शरीर में 90 प्रतिशत कोरोना ऐंटिबॉडीज मात्र 28 दिनों के अंदर ही खत्म हो जाती हैं। जबकि 93 प्रतिशत तक ऐंटिबॉडीज 28 से 40 दिन के अंदर पूरी तरह खत्म हो जाती हैं। -इस स्थिति में एक तय समय सीमा के अंदर लोगों के शरीर में कोरोना की ऐंटिबॉडीज का होना कोई खास मायने नहीं रखता है। हां लेकिन यह एक सकारात्मक स्थिति होती है और हम इसे अधिक प्रभावी बना सकते हैं, यदि इस दौरान हम अपनी सेहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें। एक महीने बाद दोबारा संक्रमण -दिल्ली, देश के अन्य हिस्सों, अमेरिका और चीन में ऐसे कई अलग-अलग उम्र के लोगों के केस सामने आ चुके हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण से ठीक हुए रोगी को फिर से कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया। -दोबारा कोरोना की गिरफ्त में आनेवाले इन लोगों में 22 साल के युवा से लेकर 68 साल के वृद्ध तक लगभग हर उम्र के लोग शामिल हैं। इसलिए हम इस बात को भी पुख्ता मानने की भूल नहीं कर सकते हैं कि जिसे एक बार कोरोना संक्रमण हो चुका है, उसे दोबारा यह बीमारी नहीं होगी। इम्युनिटी को किल कर रहा है कोरोना-आपको लगातार हम इस बात को लेकर सचेत कर रहे हैं, जितना हो सके कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का भरसक प्रयास कीजिए। क्योंकि एक बार शरीर को बीमार करने के बाद यह वायरस ठीक भले ही हो जाए लेकिन शरीर को इस हद तक कमजोर कर देता है कि अन्य रोग हावी हो जाते हैं। -और अधिक चिंता की बात यह है कि कोरोना के बाद शरीर पर हावी होनेवाले ज्यादातर रोग ऐसे हैं, जो जीवनभर के लिए समस्याएं खड़ी कर देते हैं। इनमें लिवर, किडनी और हार्ट की बीमारियां शामिल हैं। -कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने के बाद इंसान के शरीर को वापस मजबूत बनने में कितना समय लगेगा इस बारे में अभी कुछ भी सटीक तरीके से नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि ज्यादातर मामलों में कोरोना से ठीक हुए रोगी महीने-दो महीने बाद अन्य किसी बीमारी के चलते हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। -आज भी बहुत सारे लोगों के अंदर यह धारणा है कि एक बार कोरोना की चपेट में आने के बाद उन्हें दोबारा कोरोना नहीं होगा। या किसी के शरीर में ऐंटिबॉडीज हैं तो उसे कभी कोरोना नहीं होगा। ये दोनों ही बातें पूरी तरह असत्य हैं। इसलिए अगर आपको कोरोना हो चुका है या आपके शरीर में ऐंटिबॉडीज हैं, तब भी आप कोरोना से बचाव के लिए जरूरी गाइडलान्स का पालन जरूर करें। -क्योंकि जिन लोगों को कोरोना एक बार हो चुका है, उनका शरीर पहले की तुलना में बहुत अधिक कमजोर हो चुका होता है। साथ ही करीब एक महीने बाद कोरोना ऐंटिबॉडीज भी शरीर में उतनी प्रभावी नहीं रह जाती हैं। इस स्थिति में लापरवाही बरतना जान को जोखिम में डाल सकता है।
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