आज लगभग सभी लोग प्रेशर वाली लाइफ जी रहे हैं और मान चुके हैं कि यही लाइफ है। पहले लोगों के पास एक्सपैक्टेशन नहीं थी तो रिसॉर्सेज की जरूरत नहीं थी। जो साधन अपने आस-पास उपलब्ध थे, उनका भी पूरा उपयोग नहीं हो पाता था। लेकिन जैसे-जैसे लालसा बढ़ी जरूरत के नाम पर हमने अपने जीवन को सामान से लाद दिया। भागमभाग और इस गैर जरूरी दबाव से दूर ले जाता है ... क्यों बहुत अधिक थकने लगा है हमारा दिमाग और शरीर? काम तो हम लोग पहले भी करते थे लेकिन तब तो इतना नहीं थकते थे। हमारे माता-पिता और दादा-दादी भी तो काम करते थे, उन्हें तो हम सभी ने कभी इस तरह रोज-रोज सिरदर्द और बदन दर्द का शिकार होते नहीं देखा! फिर हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? इस जिज्ञासा के कई कारण और निवारण हैं... -हमारा ब्रेन हर समय ज्यादा से ज्यादा पाने में अटका रहता है। -गैजेट्स में उलझे रहते हैं। हर चीज के दो पहलू होते हैं अच्छे और बुरे। लेकिन हम अति में इसे यूज करने लगे हैं। -मेंटल रेस्ट नहीं मिल पाता हम विचलित रहते हैं, फोकस नहीं रह पाते, ऐंग्जाइटी बढ़ रही है। -इससे शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते, शरीर को हमने मशीन बना दिया है। ध्यान रखें कि शरीर को आराम की जरूरत होती है। -मेंटल फिजिकल और इमोशनल लेवल पर बैलंस के लिए योग बहुत अधिक आसान और इफेक्टिव तरीका है। -शवासन की उत्पत्ति ही इसलिए हुई ताकि हमें रेस्ट मिल सके। प्राकृतिक रूप से हम सोते हुए भी इस अवस्था में ही होते हैं। यह समय सिर्फ आपका होना चाहिए -जिंदगी को बैलंस करना जरूरी है ताकि स्ट्रेस से बचे रहें। शरीर और दिमाग को रिलैक्स करने के लिए शवासन जरूरी है। क्योंकि यह एक ऑटो सजेशन प्रॉसेस है, जब हम अपने आप को निर्देश देते हैं कि हमें शांत होना है। रोज 10 से 15 मिनट किसी भी वक्त, जब भी थकान लगे। आप इस प्रक्रिया को अपनाकर शरीर को एक बार फिर नई ऊर्जा से भर सकते हैं। शारीरिक तौर पर शवासन के लाभ -ऑटो सजेशन एक पॉवरफुल प्रॉसेस है मेडिटेशन की तरह। यह हमारी शारीरिक थकान उतारता है। गर्दन दर्द, सिरदर्द, ऐंग्जाइटी, कमर दर्द से कुछ ही मिनटों में राहत दिलाता है। यानी अगर शवासन से हमारी ये दिक्कतें दूर हो रही हैं तो हमें दवाइयां लेने की क्या आवश्यकता है! हमें अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से निरोगी रखना चाहिए। इससे कोई साइडइफेक्ट्स भी नहीं होते हैं। ब्रेक रुटीन में बदलाव की जरूरत -ऑफिस या घर में काम के दौरान हमें जब भी ब्रेक लेना होता है तो हम चाय पीने या स्मोक करने चले जाते हैं। लेकिन वो हमें हार्म पहुंचाता है। उस समय अगर हम शवासन करें तो हमें बहुत अधिक फायदा मिलेगा। घर और ऑफिस में भी आप इस योग को कर सकते हैं। नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों आपको अपने अंदर एक सकारात्मक बदलाव अनुभव होगा। क्योंकि मेंटली और फिजिकली बहुत अधिक मजबूत बनाता है शवासन।
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