आपको लग रहा होगा कि आज धोनी का जन्मदिन है और हम ऐसी उदास बातें कर रहे हैं...दरअसल, धोनी के जन्मदिन पर कोज़ी-कोज़ी बातें तो आपको बहुत जगह सुनने और पढ़ने को मिल जाएंगी। लेकिन हम यहां आपको उस इमोशनल दर्द के बारे में बता रहे हैं, जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद धोनी ने महसूस किया और हम सभी की तरह वह भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे कि अब सुशांत हमारे बीच नहीं रहे हैं!
-जैसे ही सुशांत की मौत की खबर बाहर आई पूरा बॉलिवुड और क्रिकेट से जुड़े लोग सदमे में डूब गए। साथ ही सुशांत के फैंस एक असहनीय दर्द का अनुभव कर रहे थे। हर कोई अपने चहेते को बस एक बार अपनी आंखों से सही-सलामत देखलेना चाहता था।
-लोग लगातार यही दुआ कर रहे थे कि कुछ चमत्कार घटे और सुशांत की मौत से जुड़ी यह खबर झूठी साबित हो जाए। लेकिन इस सच को बदला नहीं जा सकता था। जब हर तरफ से सिलेब्रिटी इस घटना पर दुख जताने लगे और धोनी का कोई रिऐक्शन नहीं आया तो सुशांत के फैंस एक और बेचैनी से भर गए।
-हम सभी जानते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत ने महेंद्र सिंह धोनी की बायॉग्रफी में लीड रोल प्ले किया है। सुशांत ने धोनी की लाइफ और उनके अनुभवों को जिस तरह स्क्रीन पर जिया, उससे खुद धोनी बहुत अधिक प्रभावित थे।
-धोनी का फेमस हेलिकॉप्टर शॉट जिस तरह सुशांत ने शूटिंग के दौरान लगाया, दर्शक इस बात का अंतर ही नहीं ढूंढ पा रहे थे कि ये शॉट सुशांत ने लगाया है या खुद धोनी ने। किसी के जीवन को इतनी बारीकियों से पर्दे पर उतारना वाकई आसान काम तो नहीं है।
-धोनी की रियल लाइफ को रील पर उतारने के लिए कई महीनों तक सुशांत धोनी के संपर्क में रहे। ताकि उनके संघर्ष, उनकी मेहनत, उनके हाव-भाव, काम करने के तरीके, खेलने के तरीके आदि बातों को समझ सकें।
-साथ ही लंबे समय तक सुशांत ने धोनी के परिवार के साथ समय बिताया। सूत्रों की मानें तो इस फिल्म के बाद धोनी ही नहीं उनके पूरे परिवार से सुशांत का जुड़ाव हो गया था। सुशांत धोनी के परिवार का सदस्य बन चुके थे। एक ऐसा फैमिली मेंबर जिससे पूरा परिवार भावनात्मक रूप से जुड़ा गया।
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-धोनी और सुशांत की इस फोटो में जो छोटी बच्ची दिख रही है, वह धोनी की बेटी जीवा है। इस फोटो को देखकर आप समझ सकते हैं कि जीवा सुशांत के साथ कितनी सहज और खुश हैं। जब घर का इतना छोटा बच्चा किसी के साथ इतने प्यार से जुड़ गया हो तो समझा जा सकता है कि उस परिवार के लोगों के साथ सुशांत का जुड़ाव कैसा रहा होगा।
-सुशांत सिंह की मृत्यु की खबर जैसे ही बाहर आई सभी लोग एक सदमे और दर्द में डूब गए। हर कोई हैरान था कि उनका चहकता हुआ क्यूट स्टार अब उनके बीच नहीं है।
-खासतौर पर जो बात आज भी सुशांत के फैंस स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, वह यह है कि सुशांत ने आत्महत्या की है! यही कारण है कि उनके फैंस लगातार उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
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-सुशांत की मौत के बाद जब धोनी ने लंबे समय तक चुप्पी साधे रखी तो हर कोई यह जानना चाहता था कि आखिर इस खामोशी की वजह क्या है? हर तरफ सवाल उठने लगे कि आखिर धोनी क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं...लंबी खामोशी के बाद धोनी के मैनेजर्स की तरफ से बात बाहर आई और कहा गया कि सुशांत की मौत की खबर सुनकर सिर्फ धोनी ही नहीं उनका पूरा परिवार गहरे दुख में है।
(फोटो में धोनी की बेटी के साथ सुशांत)
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-अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर दुखी होने पर कुछ ना बोलना...यह कैसी बात है? इस सवाल पर
उद्गम मेंटल हेल्थ केयर
की क्लीनिकल सायकॉलजिस्ट
डोना सिंह
कहती हैं कि जब हमारे जीवन में अचानक कुछ बड़ा घटता है तो इस घटना को स्वीकार करने में हमारे दिमाग को काफी समय लग जाता है। जिसे हम किसी भी इमोशन या घटना को स्वीकार करने का डिनायल मोड कहते हैं। फिर चाहे यह बात खुशी की हो (Eustress) या दुख (Distress) की।
-यही कारण है कि जब हम बहुत अधिक खुश होते हैं या बहुत अधिक दुखी होते हैं तो हमारे मुंह से कुछ नहीं निकल पाता यानी हम चाहकर भी अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते हैं। यह एक मानसिक स्थिति होती है, जो व्यक्ति की संवेदनाओं को बयां करती है।
-मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के सीनियर सायकाइट्रिस्ट
डॉक्टर राजेश कुमार
का कहना है कि ''कोई आकस्मिक घटना हमारे दिमाग को असमंजस की स्थिति में डाल देती है। खासतौर पर यदि वह घटना दुखद हो तो हमारा दिमाग एक घोर निराशावाद में चला जाता है, जिसे हम अनकॉन्शस माइंड में चले जाना भी बोलते हैं। इस समय हम घटित हो चुकी घटनाओं को स्वीकार करने से मना करता है लेकिन जो हमारे सामने घट रहा होता है, उसे हमारी आंखें झुठला नहीं पाती हैं।
-यह एक बड़ी वजह होती है, जिससे व्यक्ति किसी घटना के बाद खामोश हो जाता है। क्योंकि उस दौरान खुद उसका मन घटनाओं को स्वीकार करने के लिए संघर्ष कर रहा होता है।'' हम आशा करते हैं कि आपको आपके सवाल का जबाव मिल गया होगा कि आखिर बहुत खुशी और बहुत दुख के समय हम खामोश क्यों हो जाते हैं। फिर सिलेब्रिटीज को तो और भी बहुत सारे फैक्टर्स पर नजर रखते हुए संभलकर बोलना पड़ता है।
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