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Wednesday, July 8, 2020

चीन में आई ये महामारी, कभी हुई थी करोड़ों..

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी आगोश में ले लिया है और लाखों लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। भारत में भी संक्रमण के मामले 6 लाख पार कर चुके हैं और अभी भी इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसी बीच, चीन में फिर से एक नई बीमारी फैलना शुरू हुई है जिसके कारण कभी यूरोप में करोड़ों लोगों की मौत थी। ब्यूबोनिक प्लेग नाम का यह संक्रमण भी ह्यूमन टू ह्यूमन फैलता है। इस कारण यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। एक मरीज में इस बीमारी की पुष्टि होने के बाद एक अन्य व्यक्तियों को भी ब्यूबोनिक प्लेग से संक्रमित होने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए यहां पर हम आपको इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में बता रहे हैं।

आपको यह जानने की जल्दी जरूर होगी कि ब्यूबोनिक प्लेग क्या है और ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण क्या हैं? इससे पहले आपको याद जरूर जान लेना चाहिए कि यह मामला चीन के किस क्षेत्र से सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, चीन के इनरमंगोलिया क्षेत्र के बयानूर शहर में ब्यूबोनिक प्लेग का पहला मामला देखने को मिला है।

वहीं, एक अन्य व्यक्ति के भी इस संक्रमण का शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल थर्ड लेवल का अलर्ट जारी करके लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि चीन में इस बीमारी का मामला तेजी से ना फैले और बाकी दुनिया भी इसकी जद में न आ जाए। आइए अब इस बीमारी के बारे में कुछ प्रमुख बातें जानते हैं...

ब्यूबोनिक प्लेग एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। प्लेग नामक बैक्टीरिया को इसकी मुख्य वजह है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, न कि वायरस! इसलिए इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए संभव भी है।

मंगोलिया में पिछले साल में मैरमोट नामक जानवर को खाने से 2 लोगों को प्लेग हो गया था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई। इसलिए इस बार सावधानी बरतने में कोई चूक नहीं करनी चाहिए। खासकर कोरोना वायरस महामारी के दौर में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

ब्यूबोनिक प्लेग बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। यह एक विशेष प्रकार के जीवाणु, यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia pestis) से संक्रमित होने कारण होता है। मानव शरीर में आमतौर पर यह बीमारी कुतरने की प्रकृति रखने वाले जानवरों के कारण फैलती है, जो कि आमतौर पर पिस्सुओं के संपर्क में आ जाते हैं।

कभी-कभी यह पिस्सू लोगों को काट भी लेते हैं जिसके कारण इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार

, चूहा और गिलहरी या मैमल्स के शरीर में प्लेग मौजूद रहता है और जब यह जानवर मानव के संपर्क में आते हैं तो बड़ी आसानी से इनका संक्रमण उन तक भी पहुंच जाता है। इसके अलावा यह फ्ली बाइट्स, संक्रमित टिश्यू और इनफेक्शियस ड्रॉपलेट्स के कारण भी फैलता है।

यह भी पढ़ें : WHO ने कहा, हवा के जरिए भी फैल सकता है कोरोना वायरस

ब्यूबोनिक प्लेग के कारण संक्रमित व्यक्ति में नीचे बताए जा रहे कुछ खास प्राथमिक लक्षण देखने को मिलते हैं।

संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को सिर दर्द होता है।

बुखार आने लगता है।

ठंड लगने की समस्या होती है।

कमजोरी महसूस होने लगती है।

शरीर के एक से अधिक अंगों में सूजन हो जाती है।

लिंफ नोड्स या पेट में भी दर्द हो सकता है।

प्लेग के लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि व्यक्ति किस प्रकार प्लेग बैक्टीरिया से संक्रमित हुआ है। इसके आधार पर यह तीन मुख्य वर्गों में बांटा गया है, जिसके बारे में आपको जरूर जाना चाहिए।

ब्यूबोनिक प्लेग

ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षणों की बात करें तो संक्रमित व्यक्ति को अचानक से बुखार, सिरदर्द, कमजोरी महसूस होना, शरीर के किसी अंग में सूजन या फिर लिंफ नोड्स में दर्द भी महसूस होता है। यह अक्सर किसी संक्रमित फ्री के काटने के कारण होता है।

सेप्टीसेमिक प्लेग

इसमें व्यक्ति को बुखार, ठंड लगना, पेट में दर्द, त्वचा से खून का बहना/रिसाव भी शामिल होता है। यह किसी संक्रमित पिस्सू के काटने या फिर किसी संक्रमित जानवर को टच करने के कारण भी होता है।

न्यूमोनिक प्लेग

डिस्प्ले से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द कमजोरी और निमोनिया के तेजी से डेवलप होने के लक्षण देखे जाते हैं। इसके अलावा व्यक्ति के सीने में दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ भी महसूस होती है। आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा हवा में छोड़ी गई ड्रॉपलेट्स को इन्हेल करने के बाद इस प्लेग से लोग संक्रमित होते हैं।

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यह एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज की व्यवस्था हो जाए तो पीड़ित को बचाया भी जा सकता है। लेकिन जरा-सी देर ही मौत का कारण भी बन सकती है। इसके साथ-साथ इलाज में की गई देरी कई अन्य स्वास्थ्य जोखिम को भी उत्पन्न कर सकती है।

मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति को अन्य लोगों के संपर्क में ना आने की सलाह दी जाती है और

इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग

किया जाता है। जैसा कि आपको ऊपर बताया गया कि प्लेग मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। उस हिसाब से स्थिति को देखते हुए मरीज को विशेष देखरेख में रखा जाता है। इसके साथ-साथ उसे प्रीवेंटिव एंटीबायोटिक थेरेपी भी दी जाती है।

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