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Wednesday, April 29, 2020

रो पड़ीं दीपिका पादुकोण, बीमारी बनी वजह

डिप्रेशन एक मानसिक अवस्था है, जो किसी भी उम्र में हॉर्मोनल परिवर्तन या आस-पास के माहौल के कारण किसी भी व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले सकती है। यहां जानें, जब किसी अपने को या खुद अपने आपको डिप्रेशन की समस्या हो तो किस तरह इससे बाहर आने में सहायता मिल सकती है...डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि बच्चों को या बूढ़ों को किस बात का डिप्रेशन... क्योंकि बच्चों का जीवन अभी ठीक से शुरू नहीं हुआ है और बूढ़े लोग अपना जीवन जी चुके हैं। जबकि ऐसा नहीं होता है... दीपिका ने स्वीकारा था सच -ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन कोई ऐसी बीमारी है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन जब दीपिका जैसी बड़ी स्टार ने इस मानसिक समस्या के बारे में खुलकर बोलना शुरू किया तो लोगों के बीच मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ी। कई पब्लिक इवेंट्स के दौरान इस बीमारी का जिक्र करते हुए या ऐसे किसी सवाल का जबाव देते हुए दीपिका इमोशनल हो गईं और उनके आंसू निकल आए। खुद को मजबूत बनाएं -डिप्रेशन से जीतने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है। इसमें मेडिटेशन और एक्सर्साइज आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। अब आपको लग रहा होगा कि एक्सर्साइज से तो शरीर मजबूत बनता है, ब्रेन कैसे मजबूत बनेगा? -जब हम फिजिकली ऐक्टिव रहते हैं। योग, एक्सर्साइज या डांस करते हैं तो इससे हमारी बॉडी में ब्लड सर्कुलेश बढ़ता है। यह हमारे ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है, इससे दिमाग शांत रहता है और हैपी हॉर्मोन्स प्रड्यूस होते हैं। ये हॉर्मोन्स हमें खुश रहने और तनाव की डील करने की ताकत देते हैं। डिप्रेशन में ना लें ऐसी डायट डिप्रेशन या स्ट्रेस से जूझ रहे लोगों को फास्ट फूड और प्रॉसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इनसे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। स्ट्रेस के कारण एक तो पहले से शरीर कमजोरी महसूस कर रहा होता है और अगर डायट भी सही ना मिले तो हम डिप्रेशन की तरफ तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसलिए हेल्दी और प्लांट बेस्ड डायट लें। छत या बालकनी हो सकती है बेहतर जगह -अगर किसी भी वजह से आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ने लगा है तो खुली जगह में जाएं, कोशिश करें कि यह गार्डन या ग्रीनरी से भरा कोई प्लेस हो। लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा संभव नहीं है तो बेहतर होगा कि आप छत पर या बालकनी में जाकर गहरी सांस लें। - इस दौरान अपना पूरा फोकस सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर करें। गहरी सांस लेने से ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। इससे हैपी हॉर्मोन्स डोपामाइन और सेराटोनिन की मात्रा बढ़ती है साथ ही कार्टिसोल की मात्रा घटती है। तो हम अच्छा महसूस करते हैं। अपने लिए वक्त निकालना है जरूरी -डिप्रेशन से जल्दी बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि अपने लिए समय निकाला जाए। ऐसे काम करें, जिनसे आपको खुशी मिलती है। बच्चों के साथ खेलना, बुक्स पढ़ना, गाने सुनना, डांस करना या गार्डनिंग करना आदि। -खुशी और सुकून से भरी जिंदगी जीने के लिए जरूरी होता है कि आप एक मैनेज्ड लाइफ जिएं। दिनभर की व्यस्तता के बीच कुछ पल खासतौर पर अपने लिए निकालें। इस समय को अपनी देखभाल और केयर में बिताएं। इन आदतों को छोड़ने की आवश्यकता -अगर आपको ड्रिंक, स्मोकिंग बहुत अधिक चाय-कॉफी पीने की आदत है तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। जब बेचैनी हो तो शवासन की सहायता लें। योग अडिक्शन छोड़ने में बहुत अधिक प्रभावी होते हैं।


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