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Friday, December 27, 2019

डॉक्टरों की सलाह, कड़ाके की ठंड में बच्चे, बुजुर्ग और मरीजों का रखें खास ध्यान

नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है। सर्दी इस बार तो हर दिन नए रेकॉर्ड तोड़ रही है। लगातार 14 दिनों से शीतलहर जारी है और अगले कुछ दिनों तक भी ठंड में किसी तरह की कमी होने के आसार नजर नहीं आ रहे। ऐसे में डॉक्टर लोगों को सर्दी से बचने और खुद को गर्म रखने की सलाह दे रहे हैं। एम्स के वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने कहा, ‘ज्यादार मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रोक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं।’ बीमारियों से बचना है तो खुद को गर्म रखना जरूरी है - लोगों को प्रतिदिन 4 से 5 गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। - पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं। - शरीर को ऊनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मोजे आदि से गर्म रखें। बच्चे, बुजुर्ग ज्यादा पड़ रहे बीमार डॉ माल्ही के अनुसार, शीतलहर से प्रभावित ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। वहीं मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीतलहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है। भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, ‘यह लंबी अवधि वाली अलग तरह की ठंड है जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है। आमतौर पर अत्यधिक ठंड की अवधि 5-6 दिनों की होती है, लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान लगातार निम्नतम है, जो असाधारण है। दिल के मरीज रखें ध्यान सर्दी का मौसम खासकर शीतलहर और जबरदस्त ठंड वाला मौसम हार्ट के मरीजों के लिए खतरे की चेतावनी लेकर आता है। विशेषज्ञों की मानें तो सर्दियों में ब्लड वेसल्स यानी रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं जिसका सीधा असर दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों पर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। - इससे बचने के लिए ज्यादा ठंडे माहौल में जाने से बचें। - अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो अच्छी तरह से ऊलेन कपड़े पहनकर निकलें। सिर पर टोपी, हाथ में ग्लव्स और पैरों में सॉक्स पहनना न भूलें। - अस्थमा, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों को अपनी दवा टाइम से लेनी चाहिए। - ठंड से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि सर्दी होने के बावजूद पानी जरूर पिएं। बुजुर्ग बरतें सावधानी - सुबह और शाम की सर्दी बुजुर्गों के लिए खतरनाक होती है इसलिए जिस दिन ज्यादा ठंड हो उस दिन मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक न करें। - ज्यादा फैट वाली चीजें ना खाएं और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। - कलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें। नमक का सेवन कम करें। मक्खन व घी का प्रयोग भी सीमित मात्रा में करें। - मीठा अधिक खाने से बचें। फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। थोड़ा-थोड़ा व्यायाम जरूर करें। बच्चों का रखें खास खयाल - सर्दी में बच्चों को बुखार व लूज मोशन हो सकता है। इन्हें नजरअंदाज न करें। - बच्चे को पानी को उबाल कर गुनगुना पानी ही पिलाएं। अधिक तेल और मसाले वाले खाने से परहेज करें। - छह महीने तक के बच्चों के लिए सावधान रहना चाहिए। गर्म कपड़े पहनाकर उन्हें ठंडे वातावरण से बचाना चाहिए। - स्कूल जाने वाले बच्चों को अच्छी तरह से गर्म कपड़े पहनाएं और पूरा शरीर ढंककर ही घर से बाहर निकलने दें। - बच्चों को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाने के लिए उनके हाथ साबुन से अच्छी तरह से धोते रहें।


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