में लिए गए पारासिटामॉल का असर आने वाले बच्चे पर पड़ता है। एक रिसर्च के अनुसार गर्भवती महिला के लेने का असर बच्चे के व्यवहार पर 6 महीने से लेकर 11 साल तक रहता है। रिसर्च में उनके याद रखने की क्षमता और आइक्यू को 17 साल तक चेक किया गया। असीटमिनफिन पैरासिटामॉल के नाम से भी जाना जाता है। यह टिलीनॉल और पेनाडॉल ब्रैंड नेम से बाजार में उपलब्ध होता है। आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान दर्द से राहत के लिए महिलाएं इसे लेती हैं। यह रिसर्च 'पीडियाट्रिक ऐंड एपिडेमियॉलजी' में छपी है। रिसर्चर्स ने 14 हजार बच्चों पर रिसर्च किया था। इनमें से 43 प्रतिशत बच्चों की मां ने बताया कि उन्होंने गर्भावस्था के दौरान कभी न कभी असीटमिनफिन लिया था। रिसर्चर्स ने बच्चों की मेमरी, आइक्यू , प्री-स्कूल डिवेलपमेंट टेस्ट और टेंपरामेंट बिहेविअर को देखा गया। रिसर्चर्स ने पाया कि असीटमिनफिन के सेवन और बच्चों में हाइपरऐक्टिविटी और अटेंशन प्रॉबलम्स के बीच संबंध है। हालांकि, बच्चों के प्राइमरी स्कूल के अंत तक आते-आते यह असर खत्म हो जाता है। वहीं इस दवा से बच्चों के व्यवहार में होने वाले नुकसान का प्रभाव लड़कों पर लड़कियों से ज्यादा पड़ता है। रिसर्च के लीड ऑथर प्रफेसर जीन गोल्डिंग ने कहा है कि इस रिसर्च के परिणाम उन परिणामों के साथ जुड़ गए जिसमें पैरासिटामॉल से बच्चों में अस्थमा और अन्य समस्याओं के खतरे का संबंध देखा गया। इससे इस बात को और बल मिलता है कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान ऐसी दवाइयों को लेकर सावधान रहना चाहिए। इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाग जरूर लेनी चाहिए।
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