आजकल लोगों में डायबीटीज का ही नहीं बल्कि लो ब्लड शुगर का खतरा भी काफी बढ़ गया है। जब ब्लड में शुगर का स्तर घट जाता है तो उस स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबीटीज को ठीक करने के चक्कर में भी हाइपोग्लाइसेमिया की स्थिति पैदा हो सकती है? डायबीटीज के इलाज के दौरान ब्लड शुगर का स्तर या तो सामान्य रहता है या फिर कई बार सामान्य स्तर से भी नीचे चला जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि दर्द निवारण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ट्रैमेडोल (Tramadol) नाम की दवाई से भी हाइपोग्लाइसेमिया का खतरा बढ़ सकता है। फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए द्वारा किए गए एक रिव्यू में सामने आया कि ट्रैमेडोल लेने वाले मरीजों में हाइपोग्लाइसेमिया होने का खतरा उन मरीजों की तुलना में 10 गुना अधिक था जो अन्य कोई दवाई या ओपिओइड ले रहे थे। हालांकि मेथाडोन नाम की दवाई लेने वाले मरीजों में इसका खतरा नहीं था। ट्रैमेडोल का प्रभाव जानने और यह देखने के लिए कि नॉन डायबीटिक मरीजों में यह कैसे हाइपोग्लाइसेमिया का रिस्क पैदा कर देता है, इसके लिए एफडीए के डेटाबेस से विभिन्न रिपोर्टों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि लोगों को ट्रैमेडोल दवा इसलिए प्रिस्क्राइब की गई थी क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स अन्य ओपिओइड्स की तुलना में काफी कम थे। लेकिन रिसर्च के दौरान एक चीज ने उन्हें हैरान कर दिया। शोधकर्ता यह जानकर हैरान रह गए कि ट्रैमेडोल (Tramadol) की वजह से हाइपोग्लाइसेमिया हो सकता है। पढ़ें: इस चीज की और पड़ताल करने के लिए शोधकर्ताओं ने ट्रैमेडोल, कोडीन, हाइड्रोकोडोन, ऑक्सिकोडोन, ऑक्सिमोरफोन, हाइड्रोमोरफोन, मॉर्फीन, फेन्टेनाइल, डेक्स्ट्रोप्रोपॉक्सीफीन और टेपेन्टाडोल से संबंधित रिपोर्टों के आकलन के लिए विभिन्न समूहों में विभाजित किया। पड़ताल करने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि उन लोगों में हाइपोग्लाइसेमिया का रिस्क अधिक देखा गया जिन्हें ट्रैमेडोल दिया गया। वैसे आपको बता दें कि लो ब्लड शुगर यानी हाइपोग्लाइसेमिया काफी खतरनाक है। इसकी वजह से किडनी डिसऑर्डर, हेपेटाइटिस, लिवर डिजीज, मानसिक संतुलन खोना, बेचैनी और चक्कर आने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। तो अब आप यह कैसे पता लगा सकते हैं कि ब्लड शुगर कम हो गया है या नहीं? इसके लिए आप यहां बताए जा रहे संकतों को ध्यान में रखें: 1- अगर अचानक मूड बदल जाए या मूड स्विंग्स होने लगें तो यह शरीर में लो शुगर लेवल का संकेत हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ गया है या बेचैनी महसूस होने लगी है, तो यह ग्लूकोज की कमी का संकेत हो सकता है। 2- आंखों के सामने अंधेरा छाना भी ब्लड शुगर लो होने का संकेत है। कई बार जब आप देर तक भूखे होते हैं और शरीर में ग्लूकोज का लेवल बहुत कम हो जाता है, तो आपको चक्कर आने या आंखों के आगे कुछ पल के लिए अंधेरा छा जाने के लक्षण दिखते हैं। 3- अगर सही से नींद नहीं आती है तो भी यह हाइपोग्लाइसेमिया का संकेत हो सकता है। 4- अगर भरपेट खाना खाने के बाद भी आपको लगे कि आपने कुछ नहीं खाया है और खाने की तेज तलब लगे तो यह हाइपोग्लाइसेमिया की तरफ इशारा करता है।
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