क्या आपको बार-बार पैर हिलाने की न रोक सकने वाली इच्छा होती है? अगर हां, तो बेहतर है कि आप डॉक्टर को दिखाएं क्योंकि आप से पीड़ित हो सकते हैं। यह ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के पैर में खासतौर से शाम या रात के समय अनकंफर्टेबल फीलिंग जैसे ऐंठन, जलन, झनझनाहट होती है। इस स्थित में राहत पाने के लिए व्यक्ति को पैर हिलाने या चलने की तीव्र इच्छा होती है। इस बीमारी के बारे में सुनने पर लगता है कि यह व्यक्ति को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकती लेकिन इसकी हानियों जैसे नींद आने में परेशानी, सोने के दौरान नस का चढ़ जाना, बैठने में परेशानी होना और देर तक एक जगह खड़े न रह पाना के साथ अब आत्महत्या का खतरा बढ़ने जैसी गंभीर समस्या भी जुड़ गई है। आत्महत्या का खतरा ज्यादा एक लेटेस्ट स्टडी में सामने आया है कि जिन लोगों को यह बीमारी होती है उनके आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह स्थिति तब भी आ सकती है जब मरीज को डिप्रेशन, स्ट्रेस, डायबीटीज या नींद न आने जैसी बीमारियां न हों। यूं की गई स्टडी अमेरिका में हुई स्टडी में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से पीड़ित करीब 24,179 मरीजों और 145,194 ऐसे लोगों के मेडिकल रेकॉर्ड को स्टडी किया गया जिन्हें यह सिंड्रोम नहीं था। इनमें से किसी को भी आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने जैसे ख्याल नहीं आते थे। रेकॉर्ड को स्टडी करने पर सामने आया कि ऐसे लोग जिन्हें यह सिंड्रोम था उनके आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने की आशंका उन लोगों के मुकाबले करीब 270 प्रतिशत ज्यादा थी जिन्हें यह सिंड्रोम नही था। शोधकर्ताओं ने पाया कि डिप्रेशन, स्लीप डिसऑर्डर या अन्य बीमारियों जैसे फैक्टर्स को हटाने पर भी यह रिस्क कम नहीं हुआ। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्हें अभी तक के बीच के कनेक्शन के पीछे की वजह नहीं मिली है। उन्होंने जोर दिया कि इस बारे में और रिसर्च करने की जरूरत है।
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