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Thursday, August 8, 2019

Hepatitis C के कारण, लक्षण व बचाव के तरीके

हेपेटाइटिस सी एक वायरल इंफेक्शन है जिससे लिवर से संबंधित बीमारी होती है, इससे कई बार लिवर को बहुत ही गंभीर नुकसान भी पहुंचता है। इससे लिवर फेलियर या कैंसर भी हो सकता है। यह वायरस संक्रमित खून से फैलता है। यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि आधे से ज्यादा संक्रमित लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि उन्हें यह बीमारी है, ऐसा इसलिए क्योंकि उनमें इसके लक्षण या तो दिखाई नहीं देते या सामने आने में 10 साल तक लग जाते हैं। इस वजह से डॉक्टर समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। लक्षण आमतौर पर तब सामने आना शुरू होते हैं जब वह लिवर को ज्यादा प्रभावित करना शुरू कर देता है। इस बीमारी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं: - आसानी से खून निकल आना - आसानी से खरोंच या चोट लग जाना - बहुत ज्यादा थकान होना - भूख न लगना - त्वचा व आंखों का पीला होना - यूरिन डार्क होना - खुजली होना - पैरों में सूजन बने रहना - अचानक वजन कम होना शुरू होना - चक्कर आना व बोलने में परेशानी होना - मांसपेशियों में दर्द बने रहना कारण हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन हेपेटाइटिस सी वायरस से होता है। यह इंफेक्शन तब फैलता है जब वायरस खून को संक्रमित कर शरीर में फैलना शुरू हो जाता है। इस वायरस के सात टाइप पाए गए हैं जिनके 67 सबटाइप्स हैं। मरीज को कौन सी दवा देनी है या इलाज का तरीका क्या होगा यह वायरस के टाइप पर निर्भर करता है। पढ़ें: यह बीमारी असुरक्षित सेक्स, नीडल्स व ड्रग्स के लिए इंजेक्शन शेयर करने, मां से बच्चे को, संक्रमित व्यक्ति के ब्रश, रेजर या नेलकटर के इस्तेमाल या टैटू मशीन की नीडल से व्यक्ति को हो सकती है। बचाव - ड्रग्स का इस्तेमाल न करें - किसी अन्य के द्वारा इस्तेमाल की गई नीडल का इस्तेमाल न करें - टैटू बनवाने जाएं तो किसी अच्छी शॉप को चुनें। वहां भी यह ध्यान रखें कि नीडल को स्टेराइल किया गया हो। - यौन संबंधों के दौरान प्रटेक्शन का इस्तेमाल करें। - अपने पार्टनर के अतिरिक्त किसी और से संबंध बनाने से बचें। पढ़ें: इलाज कुछ समय पहले तक हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए मरीज को हर सप्ताह इंजेक्शन लगवाना पड़ता था और साथ में दवाइयां भी लेनी होती थीं। हालांकि, कई मरीज इसे ले नहीं पाते थे क्योंकि इसमें मौजूद तत्व उन्हें अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देते थे। अब इसकी दवाई काफी अडवांस हो गई है। अब दवाइयों की मदद से यह बीमारी दो से छह महीने में ठीक हो जाती है। हालांकि, इलाज काफी हद तक मरीज की स्थिति और हेपेटाइटिस सी ने शरीर को कितना प्रभावित किया है इस पर निर्भर करता है।


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