मॉनसून में हुई घनघोर बारिश के बाद अब मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा फैल गया है। लेकिन मच्छरों की वजह से अब सिर्फ डेंगू और मलेरिया ही नहीं फैल रहा है, बल्कि कई और बीमारियां जन्म ले रही हैं, जिनका माध्यम मच्छर ही हैं। इसीलिए घर के साथ-साथ आसपास की साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है। अगर घर के आसपास पानी जमा है तो उसे हटाना आवश्यक है क्योंकि जलभराव वाली जगहों पर मच्छर अधिक पनपते हैं। मच्छरों के काटने से कई तरह की बीमारियां होती हैं जिनमें डेंगू, मलेरिया आम हैं। बीते कुछ वक्त में मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफा हुआ है। आज हम आपको उन बीमारियों के बारे में बताएंगे जो मच्छरों के काटने से होती हैं: वेस्ट नाइल वेस्ट नाइल एक ऐसी बीमारी है जो क्यूलेक्स नाम के मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी में सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है। वेस्ट नाइल वायरस वाले मच्छर के काटने पर अक्सर कोई लक्षण नहीं उभरते हैं। हालांकि, कई बार बुखार, डायरिया, जोड़ों में दर्द और मितली जैसे लक्षण दिख सकते हैं। बीमारी बढ़ने पर कुछ मामलों में मेनन्जाइटिस और इंसेफ्लाइटिस जैसे ब्रेन इन्फेक्शन भी हो सकते हैं। जीका मच्छरों के काटने से होने वाली खतरनाक बीमारियों में से एक जीका भी है। इस बीमारी में व्यक्ति की जान भी जा सकती है। जीका के ज्यादातर मामलों में शुरुआत में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं इसलिए इसे पकड़ पाना मुश्किल होता है। आंखों का लाल होना, बुखार, जोड़ों का दर्द इसके लक्षण हैं। गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए यह बीमारी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस वायरस के शरीर में प्रवेश करने पर न सिर्फ मां खुद बल्कि उसकी कोख में पल रहा बच्चा भी संक्रमित हो जाता है, जो बच्चे के विकास में परेशानी बनता है। इससे शिशु के सिर का आकार भी छोटा रह जाता है। ला क्रॉस इंसेफलाइटिस ला क्रॉस इंसेफलाइटिस एक वायरल डिजीज होती है जो मच्छरों के काटने से ही फैलती है। इस वायरस का मच्छर आमतौर पर दिन के समय ही काटता है। इस बीमारी से पीड़ित रोगी में पहले तो लक्षण नजर नहीं आते लेकिन गंभीर स्थिति होने पर कोमा या फिर लकवा अटैक भी हो सकता है। येलो फीवर इस बामारी में पीलिया जैसे लक्षण दिखते हैं इसीलिए इसे येलो फीवर का नाम दिया गया है। इसमें त्वचा और आंखों में पीलापन आ जाता है। कई रोगियों में कमर दर्द, उल्टियां और सिरदर्द के भी लक्षण देखे गए हैं। चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली बीमारियों में से एक है। इसमें पीड़ित व्यक्ति के सभी अंगों में तेज दर्द होने लगता है और ठीक होने के बाद भी वह सही तरह से नहीं चल पाता। अगर चिकनगुनिया किसी को एक बार हो जाए तो इसे ठीक होने में काफी समय लगता है। इस बीमारी के आम लक्षण हैं, सिरदर्द, चक्कर और उल्टी आना। रिफ्ट वैली फीवर डॉक्टरों ने इस बीमारी का सबसे पहले केन्या में पता लगाया था। मच्छरों से यह बीमारी इंसानों और जानवरों में फैलती है। रिफ्ट वैली फीवर अफ्रीका, यमन और सऊदी अरब में आम है। इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा कमजोरी महसूस होती है।
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