कोरोनरी आर्टरी डिजीज व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। दरअसल, इस स्थिति में दिल तक खून पहुंचाने वाली नसों में ब्लॉकेज या नुकसान हो जाता है जिससे दिल को खून नहीं मिलता और धड़कन प्रभावित होने लगती है। इससे शरीर में ब्लड फ्लो पर भी नकारात्मक असर होता है। ये फैक्टर्स हार्ट अटैक या फेलियर की वजह बन सकता है। ऐसे लोग जो हेवी ड्रिंकिंग करते हैं यानी शराब का ज्यादा सेवन करते हैं उनमें इस समस्या के होने का खतरा ज्यादा होता है। शराब से इसलिए बढ़ जाता है खतरा - ज्यादा शराब के सेवन के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो धमनियों को नुकसान पहुंचता है, जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। - शराब पीने की आदत होने पर व्यक्ति की हार्ट मसल्स कमजोर होने लगती हैं, इससे खून अच्छे से पंप नहीं हो पाता। इस स्थिति के कारण शरीर में ऑक्सिजन की कमी होने के साथ ही दिमाग में खून की सप्लाई प्रभावित होती है। इससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। - जो लोग यह मानते हैं कि कभी-कभी शराब पीने पर इस समस्या का उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा तो वे गलत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे ज्यादातर मामलों में लोग शराब का मौका कम मिलने के कारण एक साथ ज्यादा ड्रिंक्स ले लेते हैं, जो उतना ही नुकसानदेह होता है जितना रोजाना शराब का सेवन। - शराब के कारण एट्रियल फिब्रिलेशन होता है जिसमें दिल के हिस्सों का खून को पंप करने को लेकर तालमेल बिगड़ जाता है। यह हार्ट अटैक या फेलियर की वजह बन सकता है। - शराब के कारण शरीर की ओवरऑल प्रक्रिया पर भी असर पड़ता है। इससे फैट को बर्न करने में बॉडी को परेशानी होने लगती है। फैट दिल की धमनियों में जमकर उन्हें ब्लॉक कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। - रोजाना ड्रिंक लेने की आदत के चलते शरीर में बैड कलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है जो ब्लड क्लॉट का कारण बनते हुए दिल के रोग का मरीज बना सकता है। - ऐसे लोग जो पहले से दिल के मरीज हैं उनके लिए तो शराब और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि हार्ट पैशंट के लिए हार्ट रेट को सामान्य बनाए रखना बेहद जरूरी होता है जो शराब पीते रहने पर संभव नहीं है। ऐसे में बेहतर यही है कि वह शराब से दूरी बनाए रखें।
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