टीबी के सबसे खतरनाक माने जाने वाले स्ट्रेन के इलाज के लिए एक्सपर्ट्स ने एक ट्रायल किया और यह सफल रहा। इस ट्रायल से एक्सपर्ट्स काफी खुश हैं और जल्द ही पुराने ट्रीटमेंट की जगह ये नई दवाएं ले सकती हैं। टीबी से पीड़ित महिला पर जब नई दवा का ट्रायल शुरू हुआ तो वह सिर्फ 57 पाउंड की थी। उसे टीबी के सबसे खतरनाक स्ट्रेन का इन्फेक्शन हुआ था और वह मरने की स्थिति में थी। पांच साल बाद 25 साल की उम्र में अब उसका टीबी ठीक हो चुका है। उसका वजन 103 पाउंड्स है और एक बेटा है। वह जिस ट्रायल का हिस्सा बनी थी वह काफी छोटा था और इसमें 109 मरीज थे लेकिन एक्सपर्ट्स रिजल्ट को काफी अच्छा बता रहे हैं। उस महिला पर जो दवा टेस्ट की गई थी, उससे जानलेवा प्ले और टीबी के खतरनाक स्ट्रेन पर 90 फीसदी सफलता मिली। बुधवार को फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने तीन नई दवाओं को अप्रूव करने की पहल की। ट्यूबरक्युलोसिस ने दुनिया की सबसे संक्रामक और जानलेवा बीमारी के रूप में एड्स को भी पीछे छोड़ दिया है। इसका एक्सडीआर स्ट्रेन काफी खतरनाक है। 10 मिलियन लोगों में सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा इस तरह के टीबी का शिकार होता है लेकिन इनमें से बहुत ही कम लोग सर्वाइव कर पाते हैं। इसका इलाज भी काफी मुश्किल है। लेकिन इस ट्रायल में मरीजों ने छह महीने तक हर दिन सिर्फ पांच गोलियां खाईं। इन गोलियों में तीन दवाएं (pretomanid, bedaquiline and linezolid) थीं। एक एक्सपर्ट का कहना है कि हो सकता है किसी दिन तीनों दवाएं एक ही दवा के रूप में आ जाएं।
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