के दौरान अपनी त्वचा और बालों की देखभाल करने के लिए हम सबकुछ करते हैं लेकिन पैरों की अनदेखी कर देते हैं। मौसम में नमी के कारण पसीने और चिपचिपाहट का सामना करने के अलावा पैरों में फंगल संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में पैर लंबे समय तक बारिश के कारण जमा गंदे पानी के संपर्क में रहता है। इस प्रकार के संक्रमण से ना सिर्फ पैरों की त्वचा खराब होती है बल्कि इससे त्वचा के कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। हल्दी के गुण से मिलेगा लाभ: हल्दी में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीफंगल गुण पाए जाते है। पैर की उंगलियों के आसपास हल्दी का पेस्ट लगाने से आपको मानसून में फंगल संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती है। मुल्तानी मिट्टी का करें इस्तेमाल: मुल्तानी मिट्टी मरी हुए त्वचा कोशिकाओं से छुटकारा दिलाता है। यह रक्त संचरण को बढ़ाती है और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करती है। इस पेस्ट को बनाने के लिए मुल्तानी मिट्टी, नीम और लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू या प्याज का लोशन: नींबू में ऐंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसमें ऐंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज भी होती हैं। लेकिन बारिश की वजह से आपके पैरों में खुजली होती है, तो नींबू का रस, सिरका और ग्लिसरीन को अच्छे से मिलाकर पैरों पर लगाएं। मेहंदी और गुलाब जल का पेस्ट: इस पेस्ट को तैयार करने के लिए मेहंदी पाउडर और गुलाब जल को अच्छी तरह से मिक्स कर लें और इस पेस्ट को अपने पैर की उंगलियों पर अच्छी तरह से लगाकर उसे थोड़ी देर सूखने के लिए छोड़ दें। मेहंदी एक प्राकृतिक उपचारक है, और इसमें ऐसे ऐंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जब भी बरसात के पानी में फंस जाएं तो घर वापस आने पर सिरके मिले पानी से पैर धोएं, यह आपके पैरों को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाएगा। -डॉ सीएम पांडेय, आयुर्वेदाचार्य
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