पीठ में दर्द एक बहुत कॉमन समस्या है। अगर दर्द की तीव्रता ज्यादा है तो उठने, बैठने और चलने तक दिक्कत हो सकती है। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि अगर पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द है तो खुद से दिया गया काफी राहत दे सकता है। मिशिगन मेडिसिन में लीड प्रफेसर और स्टडी की लीड ऑथर सूसन मर्फी बताती हैं, ऐक्युप्रेशर ऐक्युपंक्चर की तरह ही होता है लेकिन इसमें नीडल्स की जरूरत नहीं होती। इसमें उंगलियों, अंगूठे या किसी डिवाइस से शरीर के प्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर डालते हैं। मर्फी ने बताया कि प्रेशर पॉइंट्स पहले भी कई स्टडीज में कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस के दर्द में फायदेमंद साबित हो चुका है। कुछ स्टडीज में लोगों की में भी ऐक्युप्रेशर दिया गया है। पेन मेडिसिन जर्नल मे छपी स्टडी के मुताबिक, रिसर्च टीम ने तेज पीठ दर्द वाले 67 लोगों को तीन ग्रुप्स में बांटा जिनको रिलैक्सिंग ऐक्युप्रेशर, स्टिम्युलेटिंग ऐक्युप्रेशर और साधारण केयर दी गई। इनमें से रिलैक्सिंग ऐक्युप्रेशर से नींद न आने की समस्या दूर हुई वहीं स्टिम्युलेटिंग ऐक्युप्रेशर थकान मिटाने में कारगर रहा। ऐक्युप्रेशर ग्रुप में हिस्सा लेने वालों को ऐक्युप्रेशर देने की ट्रेनिंग दी गई थी। उन्होंने 6 हफ्तों तक रोजाना 27 से 30 मिनट रोजाना ऐसा किया। साधारण केयर वाले ग्रुप में हिस्सा लेने वालों का कहा गया कि वे दर्द दूर करने के लिए जो भी उपाय कर रहे हैं वह करते रहें। मर्फी बताती हैं कि साधारण केयर वाले ग्रुप से तुलना में जो लोग स्टिम्युलेटिंग ऐक्युप्रेशर दे रहे थे उनमें थकान और दर्द में राहत देखी गई। छह हफ्ते बाद उनके दर्द में काफी राहत रही। उन्होंने बताया कि तेज दर्द को ठीक करने के लिए बेहतर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है वही दवाओं से साइड इफेक्ट्स के खतरे भी रहते हैं।
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