इन दिनों और वायरस की वजह से फैलने वाले इंफेक्शन लोगों की सेहत, फूड सेफ्टी और इकॉनमी के लिए तेजी से खतरा बनते जा रहे हैं क्योंकि ऐंटिबायॉटिक के प्रति प्रतिरोधक क्षमता () तेजी से बढ़ती जा रही है। साधारण शब्दों में समझें तो कॉमन बीमारियों में इस्तेमाल होने वाले ऐंटिबायॉटिक्स का बीमारियों पर असर कम होता जा रहा है। इंसान में ट्रांसफर हो रहे हैं ऐंटिबायॉटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया इन सबके बीच अनुसंधानकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर कैसे मीट और प्लांट बेस्ड फूड्स में से वाले बैक्टीरिया और जीन्स इंसानों में ट्रांसफर हो रहे हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्लांट बेस्ड फूड आइटम्स वाहक का काम करते हैं जो में मौजूद माइक्रोबियम तक ऐंटिबायॉटिक रेजिस्टेंस वाले बैक्टीरिया को पहुंचाते हैं। एएसएम माइक्रोब 2019 की वार्षिक मीटिंग में इस रिसर्च के नतीजों को पेश किया गया था। कोई लक्षण दिखाए बिना सालों आंत में छिपे रहते हैं ये सुपरबग्स पौधों से इंसानों में फैलने वाला ऐंटिबायॉटिक रेजिस्टेंट सुपरबग्स, दूषित सब्जियों का सेवन करने के बाद तुरंत होने वाले डायरिया जैसी बीमारियों से बिलकुल अलग है। इस तरह के सुपरबग्स कई बार बिना कोई लक्षण दिखाए हुए महीनों और सालों तक हमारे शरीर के आंत में छिपकर रहते हैं और शरीर में यूरिनरी इंफेक्शन जैसी कई समस्याएं पैदा करते हैं।
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