या दस्त लगना पेट की गड़बड़ी से जुड़ी एक आम समस्या है। यह बड़ी असहज स्थिति होती है, लेकिन अगर आप अपने खानपान पर ध्यान नहीं देंगे तो आपको यह समस्या होती रहेगी। आमतौर पर दस्त दो या तीन दिन में ठीक हो जाते हैं लेकिन कभी-कभी हालात खराब हो जाते हैं और डॉक्टरी देखरेख की जरूरत पड़ती है। कारण डायरिया में कहने को तो उल्टी दस्त ही होता है, लेकिन शरीर का सारा पानी निकल जाने की वजह से यह कभी-कभी जानलेवा भी हो जाता है। कमजोरी की वजह से मरीज बिस्तर पकड़ लेता है। डायरिया प्रमुख रूप से बैक्टीरिया और वायरस की वजह से होता है। इसके कई और भी कारण होते हैं- -घबराहट -संक्रमण -खानपान में बदलाव -बदहजमी -किसी दवा का साइड इफेक्ट ये हैं -दस्त -उल्टी -पेट में दर्द -कमजोरी और थकान -बुखार -चक्कर आना छोटे बच्चे में डायरिया के लक्षण -बच्चे का मुंह सूख रहा हो -बच्चे का पेट, आंख और गाल सिकुड़े से हों -बच्चे ने काफी देर से पेशाब न किया हो -बुखार हो -बच्चा रो रहा हो लेकिन आंसू न निकल रहे हों क्या करें जब डायरिया हो? -डायरिया से शरीर में हुई पानी की कमी को तुरंत पूरा करना चाहिए। इसके लिए खूब पानी पिएं। -ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) लें -खाना कम खाएं -पानी/जूस पर्याप्त मात्रा में लेते रहें -अनाज खाने से बचें -फैटी, मसालेदार खाना न खाएं बचाव खाने से पहले फल और सब्जियों को अच्छे से धो लें। जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम खाएं और साफ पानी पीएं। खुले में बिकने वाले खाने से परहेज करें। नाखून छोटे रखें और उनकी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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