World population day 2021: जनसंख्या दिवस को इसीलिए विश्वभर में सेलिब्रेट किया जाता है कि ताकि हर कोई बढ़ती आबादी को कम के बारे में सोचे। क्योंकि जनसंख्या विस्फोट के चलते कई जानलेवा बीमारियों का उदय हो चुका है।
World population day 2021:
दुनिया की बढ़ती आबादी के प्रति जागरूकता लाने के लिए हर साल 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस (World Population Day 2020) मनाया जाता है। तकनीकी के साथ-साथ जनसंख्या के मामले में भी चीन विश्व में नंबर एक पर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है और तीसरे नंबर पर यूनाइटेड स्टेट, चौथे पर इंडोनेशिया और पांचवें पर पाकिस्तान की आबादी है। आबादी बढ़ने के साथ-साथ लोगों की परेशानियां भी दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। भारत, चीन समेत कई विकासशील देशों के लिए बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। बहरहाल, यहां हम आपको इस बात से रूबरू करा रहे हैं कि बढ़ती जनसंख्या गरीबी, भुखमरी के अलावा सेहत को किस तरह से प्रभावित करती है। आइए, डालते हैं इस विषय पर एक नजर।
(फोटो साभार: istock by getty images)
एक साल में बढ़ गई 1 करोड़ से अधिक आबादी
यूनाइटेड स्टेट ने जनसंख्या वृद्धि दर संबंधी आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर (Worldometer elaboration) के हवाले से आंकड़े जारी किए हैं। 9 जुलाई 2021 (शुक्रवार) को जारी किए आकड़ों में भारत की जनसंख्या 139 करोड़ (1,393,790,539 ) को पार कर चुकी है,। साल 2020 में भारत की आबादी 138 करोड़ थी और एक साल के भीतर 1 करोड़ की जनसंख्या का इजाफा हुआ है।
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बढ़ती आबादी से पैदा हो रही हवाजनित बीमारयां
आपको जानकर हैरानी होगी कि घनी आबादी के कारण मानव स्वास्थ्य खतरे में है। दिन-ब-दिन बढ़ती आबादी के बीच आसानी से वायुजनित रोग यानी हवा से होने वाली बीमारियां (airborne diseases) आसानी से फैल रही हैं। जैसा कि शोध में भी स्पष्ट हो चुका है कि कोविड और मानसूनी बीमारियां भी हवा से फैलती हैं।
जनसंख्या के बढ़ने से शहरी भीड़ और पर्यावरणीय परिवर्तन (environmental changes) जैसे मुद्दों को भी जन्म दिया है जिसके चलते कई संक्रामक रोग सामने आए हैं। आने वाले दिनों में ये रोग अपना विस्तार कर सकते हैं।
टीवी (Tuberculosis)
मलेरिया (Malaria)
हैज़ा (Cholera)
डेंगू बुखार (Dengue fever)
संक्रामक रोग (infectious diseases)
दूषित पानी भी बन रहा जानलेवा रोगों का कारण
अधिक जनसंख्या के कारण पानी की समस्या भी लगातार बढ़ रही है। कई लोगों तक पीने का पानी नहीं पहुंचता और दूषित जल के सेवन से भी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। हर साल दूषित पानी से होने वाली बीमारियों के कारण भी कई लोगों की मौत हो जाती है। क्योंकि घनी आबादी में वायरस तेजी से फैलता है और म्यूटेशन के कारण नए-नए घातक वेरिएंट भी आते हैं।
जितनी अधिक आबादी, उतनी कम ताजी हवा
आबादी के बढ़ने से अपने वाहन से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इस वजह से वायु प्रदूषण बढ़ रहा जिससे लोगों का ताजी हवा में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में सड़क पर यातायात के कारण होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंता बढ़ रही है। हवा में जहरीली गैस वयस्कों की तुलना में बच्चों की सेहत पर अधिक निगेटिव प्रभाव डाल रही है। मौजूदा दौर में खराब गुणवत्ता वाली हवा से अधिकांश लोग सांस की समस्याओं से पीड़ित हैं जिनके बारे में नीचे जिक्र है।
दमा (Asthma)
फेफड़ों में कैंसर (Lung cancer)
सीने में दर्द (Chest pain)
भीड़-भाड़
गले की सूजन (Throat inflammation)
हृदवाहिनी रोग (Cardiovascular disease)
सांस लेने में तकलीफ (Respiratory diseases)
सूरज की तपिश से नहीं बचा पाएगा सनस्क्रीन
बढ़ते प्रदूषण के कारण ओजोन परत का ह्रास भी हुआ है। अब वायुमंडल की ओजोन परत अब सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (यूवी) किरणों से हमारी रक्षा नहीं करती है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे स्किन कैंसर, उम्र से पहले ही स्किन का मुरझा जाना आदि। यूवी किरणों के कारण मोतियाबिंद और अंधापन जैसी आंखों से संबंधित कई समस्याएं भी होती हैं। इसके अतिरिक्त इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है।
सेहत के खतरे को टालने के लिए करने होंगे प्रयास
अधिक जनसंख्या अन्य सभी प्रमुख समस्याओं की जड़ है। जनसंख्या वृद्धि के कारण कोई भी अपनी सेहत का सही से ख्याल नहीं रख पा रहा है, क्योंकि सुख-सुविधाओं की पूर्ति करने में सरकारें भी विफल होती दिख रही हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषों में हमेशा ही जनसंख्या को नियंत्रित करने की अपील करते हैं। वहीं, अब समय की भी मांग है कि समस्या से निपटा जाए।
कैसे कम होगी जनसंख्या
अधिक जनसंख्या की समस्या को हल करने के लिए लोगों में जागरूकता लानी होगी। ग्रामीण और शहरी लोगों के चाहिए कि वे गर्भनिरोधक के तरीकों के बारे में पढ़ें, जो जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद करें।
परिवार नियोजन
शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना
जन्म नियंत्रण उपाय और नियमों को लागू करना
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