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Monday, January 18, 2021

Piles के रोगी हैं तो मूली को बना लें अपना साथी, जड़ से खत्‍म हो जाएगी ये बीमारी

सलाद में हम गाजर और चुकंदर जैसी जड़ वाली सब्‍जियों का तो खूब मजे से सेवन करते हैं, मूली को आमतौर पर यूं ही छोड़ देते हैं। मगर क्‍या आपको पता है कि सफेद रंग की यह सब्‍जी बवासीर के लक्षणों में राहत दिलाने का भी काम करती है। जी हां, अपने आहार में इस सब्जी को शामिल करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दवाइयों का सेवन करना बंद कर दें क्योंकि यह दवा के साथ लेने पर प्रभावी परिणाम दिखाती है।मूली, डाय‍ट्री फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो न केवल मल को नरम करने में मदद करता है, बल्कि पाचन में भी सहायक होता है। अगर आप या आपके परिवार में किसी को पाइल्‍स की बीमारी है, तो यहां जानें मूली का सेवन कैसे करें...

लोग आमतौर पर पाइल्‍स के बारे में खुल कर बात नहीं कर पाते। यह एक ऐसी बीमारी है जिसे मूली के नियमित सेवन से ठीक किया जा सकता है। मूली को किस तरह से खाएं यहां जानें।


Piles के रोगी हैं तो मूली को बना लें अपना साथी, जड़ से खत्‍म हो जाएगी ये बीमारी

सलाद में हम गाजर और चुकंदर जैसी जड़ वाली सब्‍जियों का तो खूब मजे से सेवन करते हैं, मूली को आमतौर पर यूं ही छोड़ देते हैं। मगर क्‍या आपको पता है कि सफेद रंग की यह सब्‍जी बवासीर के लक्षणों में राहत दिलाने का भी काम करती है। जी हां, अपने आहार में इस सब्जी को शामिल करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दवाइयों का सेवन करना बंद कर दें क्योंकि यह दवा के साथ लेने पर प्रभावी परिणाम दिखाती है।

मूली, डाय‍ट्री फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो न केवल मल को नरम करने में मदद करता है, बल्कि पाचन में भी सहायक होता है। अगर आप या आपके परिवार में किसी को पाइल्‍स की बीमारी है, तो यहां जानें मूली का सेवन कैसे करें...



​क्‍या है पाइल्‍स या बवासीर
​क्‍या है पाइल्‍स या बवासीर

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें गुदा के अंदर और बाहरी हिस्‍से की शिराओं में सूजन आ जाती है। पाइल्स आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के होते हैं। आंतरिक बवासीर को तब तक देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है, जब तक कि वे तीव्र न हों।

आंतरिक बवासीर

को चार ग्रेड में क्रमबद्ध किया जाता है। बाहरी बवासीर को पेरिअनल हेमेटोमा कहा जाता है। यह एक दर्दनाक स्थिति होती है। डायट में कम फाइबर का होना, उम्र बढ़ने, वंशानुगत, पुरानी कब्ज, पुरानी दस्त, भारी वजन उठाने, गर्भावस्था या फिर मल त्‍यागते वक्‍त जोर लगाने के कारण पाइल्स होते हैं।

अनदेखी की तो खतरनाक रूप ले सकती है पाइल्स की बीमारी, ये तरीके आएंगे काम



​मूली किस तरह पहुंचाती है लाभ
​मूली किस तरह पहुंचाती है लाभ

मूली में रापिनिन, ग्लूकोसाइलिनेट्स और विटामिन-सी जैसे मेटाबोलाइट्स होते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। मूली में वाष्पशील तेल पाया जाता है, जो एंटी

इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा हुआ होता है

। इससे सूजन कम होती है और बवासीर में खुजली और दर्द से राहत पाने में मदद भी मिलती है।



​कैसे करें मूली का इस्तेमाल?
​कैसे करें मूली का इस्तेमाल?

आप हालत की गंभीरता के आधार पर दो अलग-अलग तरीकों से बवासीर के इलाज के लिए सफेद मूली का उपयोग कर सकते हैं। पाइल्‍स की वजह से यदि दर्द हो रहा हो, तो आधी 100 mg मूली को घिसी लें और इसके साथ 1 चम्‍मच शहद मिलाएं। दोनों को मिक्‍स करें और इसका सेवन दिन में दो बार करें। यदि पाइल्‍स की वजह से खुजली हो रही हो या फिर कब्‍ज बनी हुई हो, तो यह उसमें भी आदाम दिलाने का काम करेगा।



​मूली के जूस का सेवन
​मूली के जूस का सेवन

यदि आपको पहला तरीका न पसंद आया हो, तो आप

मूली का रस

निकालकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पी सकते हैं। आपको इससे उतना ही लाभ मिलेगा, जितना कि मूली को साबुत खाने पर मिलता है।



​क्‍या करें जब बहुत अधिक दर्द और सूजन हो:
​क्‍या करें जब बहुत अधिक दर्द और सूजन हो:

थोड़े से दूध में सफेद मूली का बारीक पेस्ट बना लें। दर्द और सूजन से राहत के लिए संक्रमित क्षेत्र पर इस पेस्ट को लगाएं। बवासीर से निपटने के लिए आप अपने खाने में आयुर्वेद के नियमों का पालन करें। सोने और जागने का समय निर्धारित करें और शारीरिक गतिविधियां जैसे योग, नृत्य, वॉक, रस्सी कूद इत्यादि को जीवन का हिस्सा बनाएं।



​पाइल्‍स है तो इस तरह के भोजन से बचें:
​पाइल्‍स है तो इस तरह के भोजन से बचें:

तले, भारी, मसालेदार, खट्टे और गर्मी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए

लंबे समय तक खड़े होने और बैठने की स्थिति से बचें।

भारी वजन उठाने से बचें।

बवासीर से राहत पाने में मूली निश्चित रूप से मदद करेगी। आप अपनी डायट में इसका सेवन सलाद या फिर जूस के रूप में कर सकते हैं और इसकी मात्रा को धीरे धीरे बढ़ा सकते हैं।





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