देशी शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले महुआ ही नहीं बल्कि पूरे पेड़ के सभी हिस्सों के ही औषधीय गुण ऐसे हैं कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे।
अक्सर हम अपने आसपास मौजूद कुदरती चीजों के फायदों के बारे में अनजान रहने के कारण उनका सही फायदा नहीं ले पाते हैं। ऐसी ही एक चीज है महुआ, जिसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत के कई राज्यों में देशी शराब बनाने में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। इसकी शराब को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
फैट, विटामिन-सी, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर महुआ एक जंगली पेड़ है, जो देश के कई घने जंगलों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी पाए जाते हैं। शराब के अलावा इसके पेड़ की पत्तियां, बीज और छाल कई बीमारियों में बहुत उपयोगी है। तो आज हम आपको बतलाने जा रहे हैं महुआ को किन बीमारियों में किया जाता है इस्तेमाल और इसके हेल्थ बेनेफिट्स।
मॉइश्चराइजर का काम करता है इसके फलों का तेल
महुआ के फल से तेल भी निकाला जाता है। यह तेल ग्रामीण इलाकों में खाने में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसे शरीर पर लगाने के भी बहुत सारे फायदे हैं। यह स्किन में मॉइश्चर को बनाए रखता है।
महुआ की पत्तियां मिर्गी से लेकर एक्जिमा में कारगर
महुआ की पत्तियों में पाया जाने वाला मेथोनॉल मिर्गी की बीमारी पर अच्छा काम करता है। एक्जिमा एक आम समस्या है, जिसके चपेट में ज्यादातर लोग कभी-न-कभी आ ही जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए महुआ की पत्तियों पर तिल के तेल को लेप की तरह लगाकर गर्म करें और संक्रमित जगह पर लगाएं। जल्द आराम मिलेगा।
पुरुषों की सेक्स संबंधी समस्याओं में काम आते हैं फूल
महुआ के फूल काफी पौष्टिक होते हैं और सामान्य टॉनिक के रूप में लिए जा सकते हैं। इसके लिए सूखे फूल के पाउडर को घी और शहद के साथ खाया जाता है। सिरदर्द, आंखों की जलन जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए महुआ के फूलों के ताजे रस को नाक में डालने से फायदा मिलता है। नसों की कमजोरी और न्यूरो मस्कुलर सिस्टम की बीमारियों में भी महुआ काफी फायदेमंद है। इसके लिए महुआ के सूखे फूलों को दूध में उबाल लें। फिर एक बार में 30 से 50 मिली. का सेवन करें। हाइपरटेंशन, हिचकी और सूखी खांसी के इलाज के लिए महुआ के फूलों का ताजा रस काफी कारगर है। महुआ पुरुषों की सेक्स संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। जिन पुरुषों को कम स्पर्म काउंट या शीघ्रपतन की शिकायत हो, उन्हें दूध में उबाले हुए महुआ के फूलों के शक्करपारे बनाकर खाने की सलाह दी जाती है।
गठिया, सिरदर्द से लेकर बवासीर में फायदेमंद हैं बीज
इसके बीज में एक बड़ी मात्रा में तेल और प्रोटीन होता है। महुआ के बीज से मिलने वाले फैट में औषधीय गुण होते हैं। इसके पौधे के बीजों के तेल से त्वचा रोगों और शरीर के दर्द में मालिश की जाती है। साथ ही इसका इस्तेमाल त्वचा रोग, गठिया, सिरदर्द, रेचक और बवासीर में भी किया जाता है।
घाव से लेकर डायरिया में आजमाएं छाल से तैयार काढ़ा
महुआ में एंटी-माइक्रोबियल गुण इंफेक्शन से निजात दिलाने में मदद करता है। आंत से जुड़ी बीमारियों और डायरिया में इसके पेड़ की छाल से तैयार काढ़ा आराम पहुंचाता है। मसूड़ों में हल्की सूजन और खून आने पर महुआ की छाल के अर्क में पानी मिलाकर लिया जाता है। छाल के अर्क के साथ गरारे करना टॉन्सिलिटिस और फेरेनजाइटिस में भी कारगर है। डायरिया को ठीक करने के लिए एक कप छाल का सत्व आराम पहुंचाता है। इसकी छाल में टैनिन नाम का कैमिकल घाव को सुखाने में मदद करता है।
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