![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/%2080233704/photo-80233704.jpg)
आजकल डायजेस्टिव बिस्किट खाने के फायदे गिनाने वाले विज्ञापन की टीवी पर भरमार है और लोग इस पर यकीन भी कर रहे हैं। तो क्या डाइजेस्टिव बिस्किट्स सच में सेहत के लिए फायदेमंद हैं?
![हेल्दी समझकर ज्यादा न खाएं डायजेस्टिव बिस्किट, कहीं पेट में न शुरू हो जाए ये गड़बड़ हेल्दी समझकर ज्यादा न खाएं डायजेस्टिव बिस्किट, कहीं पेट में न शुरू हो जाए ये गड़बड़](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233704,width-255,resizemode-4/80233704.jpg)
डाइजेस्टिव बिस्किट को प्रमोट करने वाले विज्ञापन हमें खाने के बीच के अंतराल के लंबे होने या भूख सहने की आदत को लेकर डराते हैं। इससे बचने के लिए हमें डाइजेस्टिव बिस्किट को बेहतर ऑप्शन बताया जाता है। डिपार्टमेंटल स्टोर के बिस्किट सेंगमेंट में डायजेस्टिव बिस्किट के नए-नए ब्रांड्स की भरमार देखकर तो यही लगता है। शुगर, फैट और सोडियम फ्री होने के दावे करनेवाले इन बिस्किट में से ज्यादातर में छिपे होते हैं ढेर सारी शक्कर, फैट, सोडियम और रिफाइंड आटा। साथ ही आपको इन्हें खाने के लिए ललचाने हेतु जायका बढ़ाने वाले केमिकल यानी टेस्ट इनहेंसर भी मिलाए जाते हैं। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रीडियंड्स हमारी सेहत पर क्या असर डालते हैं और क्या डायजेस्टिव बिस्किट वाकई हमारी सेहत के लिए इतने फायदेमंद हैं?
डाइजेस्टिव बिस्किट असल में डॉक्टर्स की सलाह पर कब्ज़ और खराब डायजेशन से जूझ रहे पेशेंट के लिए बनाए गए। डाइजेस्टिव बिस्किट को बाजार में मिलने वाले दूसरे बिस्किट्स के मुकाबले ज्यादा फाइबर युक्त, प्रोटीन और विटामिन और मिनरल होने के दावे के साथ ही कम कॉलेस्ट्रेल वाले और फैट फ्री बताया जाता है और बतौर स्नैक्स चाय के साथ लेने की सलाह दी जाती है। इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए या इस बीमारी से बचने के लिए बेहतरीन स्नैक्स के तौर पर पेश किया जाता है।
ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा बना सकती है आपको बीमार
![ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा बना सकती है आपको बीमार ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा बना सकती है आपको बीमार](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233766,width-255,resizemode-4/80233766.jpg)
बेकरी आइटम्स मैदे से बने होते हैं। डाइजेस्टिव बिस्किट्स को लेकर बताया जाता है कि इनमें मैदे की जगह गेंहू के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। इस गेंहू के आटे में ग्लूटेन होता है। अलग-अलग ब्रांड के डाइजेस्टिव बिस्किट्स में ग्लूटेन की मात्रा भी अलग-अलग इस्तेमाल की जाती है। अगर आप ग्लूटेन सेंसिटिव है तो यह डाइजेस्टिव बिस्किट आपके लिए सेहतमंद नहीं हो सकता। ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा से पेट दर्द, गैस, डायरिया या कब्जियत की शिकायत हो सकती है।
सैचुरेटेड फैट से भी नुकसान
![सैचुरेटेड फैट से भी नुकसान सैचुरेटेड फैट से भी नुकसान](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233765,width-255,resizemode-4/80233765.jpg)
कई डाइजेस्टिव बिस्किट्स के पैकेट पर फैट फ्री होने की जानकारी दी जाती है। लेकिन इनमें सैचुरेटेड फैट और फैट के दूसरे ऑप्शन का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादा सैचुरेटेड फैट का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिलेटेड बीमारियों के शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है।
खासतौर पर मिलाए जाते हैं प्रिजरवेटिव्स
![खासतौर पर मिलाए जाते हैं प्रिजरवेटिव्स खासतौर पर मिलाए जाते हैं प्रिजरवेटिव्स](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233717,width-255,resizemode-4/80233717.jpg)
बाजार में इतनी बड़ी मांग को पूरा करने इन बिस्किट में दूसरे बिस्किट की तरह ही प्रिजरवेटिव्स मिलाए जाते हैं। जिससे ये लंबे वक्त तक खराब होने से बचे रहें। साथ ही इनमें खूशबू के लिए एसेंस डालना भी मजबूरी है। अब ये बिस्किट आपके लिए सेहतमंद हैं या नुकसानदेह, ये इनमें मिलाई जाने वाली इनकी क्वालिटी और मात्रा पर निर्भर करता है। ये प्रिजरवेटिव्स और एसेंस हैं तो आखिर केमिकल ही।
शुगरलेस नहीं हैं ये बिस्किट्स
![शुगरलेस नहीं हैं ये बिस्किट्स शुगरलेस नहीं हैं ये बिस्किट्स](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233715,width-255,resizemode-4/80233715.jpg)
डाइजेस्टिव बिस्किट्स दूसरे बिस्किट के मुकाबले कम मीठे होते हैं। लेकिन इनमें नैचुरल स्वीटनर्स के साथ चीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यानी ऐसा नहीं है कि ये शुगरलेस हैं। इन्हें लेने पर कहीं-न-कहीं आप एक्सट्रा शुगर का सेवन तो करते ही हैं। और अगर इन बिस्किट में मिलाई गई शुगर की मात्रा कंट्रोल लेवल से ऊपर है तो मोटापा, दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम होता तो नजर नहीं आता।
सोडियम से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
![सोडियम से बढ़ सकती हैं मुश्किलें सोडियम से बढ़ सकती हैं मुश्किलें](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-80233783,width-255,resizemode-4/80233783.jpg)
डाइजेस्टिव बिस्किट का स्वाद बढ़ाने और हल्का नमकीन बनाने के लिए सोडियम की मात्रा मिलाई जाती है। सोडियम की ज्यादा मात्रा हाई ब्लड प्रैशर, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है।
हर मर्ज और मरीज अलग होता है, इसलिए जरूरी है किसी भी प्रॉडक्ट पर आंखें बंद कर भरोसा करने से पहले उसे बनाए जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स के बारे में ध्यान से पढ़ें। डाइजेस्टिव बिस्किट की बजाए ड्रायफ्रूट्स, स्प्राउट्स या फल को अपने स्नैक्स में शामिल करने की कोशिश करें। या चावल, साबूदाने या नारियल के आटे के बने नमकीन या ऐसी ही दूसरी चीजें, जो आपको किसी भी तरह के नुकसान, एलर्जी या बीमारी से बचाकर सेहतमंद रखने में मदद कर सकते हैं।
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/3shtziX
via IFTTT
No comments:
Post a Comment