हर दिन दुनियाभर में अनगिनत बीमार लोगों को ऐंटीबायॉटिक दवाइयां दी जाती हैं। ये दवाइयां कई प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने और उनसे बचने का एक कारगर तरीका साबित हुई हैं और लंबे समय से मनुष्यों की सेहत का साथ निभा रही हैं। लेकिन दवाइयों की इस दुनिया में बहुत कुछ ऐसा घट रहा है, जिससे आम लोग अनजान हैं। क्योंकि एक से एक स्ट्रॉन्ग ऐंटीबायॉटिक बनाने की होड़ फार्मा कंपनीज के बीच लगी है। इसकी एक वजह बैक्टीरिया का ऐंटी-रेसिस्टेंट पॉवर बढ़ाना। यह भी पढ़ें: अभी तक हम जिन के दम पर यह मानते आए थे कि इनकी डोज के बाद हमारे, हमारे जानवरों या हमारे खाने से बैक्टीरिया का अंत हो गया है,अब वह डोज इन माइक्रोऑर्गेनिज़म्स के लिए पर्याप्त नहीं रही है। पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में कई नए तरह के बैक्टीरिया की उपस्थिति पाई गई है, जिन पर ऐंटीबायॉटिक्स की पुरानी डोजा उतनी प्रभावी नहीं दिखती, जितनी होनी चाहिए। ये बैक्टीरिया हर साल कई लोगों की जान ले रहे हैं। 'सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंट प्रिवेंशन' द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई कि अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में हर घंटे इन नए 'सुपरबग्स' से चार लोगों की मौत हो जाती है। यह रिपोर्ट सेहत से जुड़ी ऐसी बातों से भरी हुई है, जिसे पढ़कर डर जाना बेहद स्वाभाविक है। रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा यह कहा जा रहा है कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि आनेवाले समय में ऐंटीबायॉटिक्स बेअसर हो जाएंगी, इसके उदाहण काफी पहले से मिलने लगे हैं। सोचने के बात यह है कि नई तकनीक अभी तक इन बैक्टीरिया द्वारा बढ़ाई कई ऐंटी-रेसिस्टेंसी को पकड़ने में अभी तक असफल है। यह भी पढ़ें: हालांकि वैज्ञानिक हमेशा नई एंटीबायॉटिक दवाओं पर काम करते रहते हैं, जो किसी भी तरह के इंफेक्शन को खत्म कर सकें। खासतौर पर उन इंफेक्शंस और बैक्टीरिया को, जिन पर वर्तमान दवाइयां असरकारक नहीं हों। लेकिन उन नए विकल्पों का विकास अक्सर धीमा और अविश्वसनीय रूप से महंगा होता है। सीडीसी के अनुसार, इस स्थिति से निपटने के लिए आज के समय में सबसे कारगर तरीका वैक्सिनेशन है। क्योंकि यह हमारे शरीर को संक्रमण पैदा होने से पहले ही उससे लड़ने के लिए तैयार रखता है। इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो हमें ऐंटीबायॉटिक्स की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यह भी पढ़ें:
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/37oF6CK
via IFTTT
No comments:
Post a Comment