
वॉशिंगटन अमेरिका में वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी कि अगर 25 वर्ष की उम्र के आसपास आपका वजन बढ़ता है तो समय से पहले मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। ये अध्ययन ‘बीएमजे’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ। इसमें पाया गया कि अधेड़ उम्र से बुढ़ापे की अवस्था के दौरान वजन कम होने से भी मृत्यु का जोखिम अधिक रहता है। बनाए रखना जरूरी चीन में हाउझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी से शोधकर्ताओं ने अध्ययन को लेकर निष्कर्ष निकाला। उन्होंने समय पूर्व मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए वयस्क उम्र के दौरान सामान्य वजन बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला। अध्ययन में कहा गया कि वयस्कों में समय पूर्व मृत्यु के उच्च जोखिम से संबंधित है। हालांकि वयस्क उम्र के दौरान खासकर युवावस्था से अधेड़ उम्र के पहले की अवस्था के दौरान वजन में बदलाव के लंबे समय तक असर के बारे में बहुत कम जानकारी है। नागरिकों के स्वास्थ्य का अनुमान अध्ययन के निष्कर्ष 1988-94 और 1999-2014 के दौरान के यूएस नैशनल हेल्थ ऐंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) के आंकड़े पर आधारित है। एनएचएएनईएस राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि वार्षिक सर्वेक्षण है जिसमें अमेरिकी नागरिकों के स्वास्थ्य का अनुमान लगाने के लिये उनके साक्षात्कार, शारीरिक परीक्षण और खून के नमूने शामिल होते हैं। को ऐलर्जी का खतरा शोधकर्ताओं ने पाया है कि वजनदार शिशुओं में बचपन की फूड ऐलर्जी या एग्जिमा से पीड़ित होने की आशंका ज्यादा होती है। ये रिसर्च जर्नल ऑफ ऐलर्जी ऐंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में छपी है। 15 हजार रिसर्च की स्क्रिनिंग के बाद उन्होंने 42 की पहचान की है, जिसमें 20 लाख से ज्यादा ऐलर्जी पीड़ितों का डेटा शामिल है। ऑस्ट्रेलिया के ऐडिलेड यूनिवर्सिटी की कैथी गैटफोर्ड ने कहा, ‘बच्चे के जन्म के समय वजन में हर किलोग्राम की बढ़ोतरी से बच्चे में फूड ऐलर्जी होने का खतरा 44 फीसदी और एग्जिमा का 17 फीसदी होता है।’
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